शारदीय नवरात्रि का आज 8वां दिन है. आज माता के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है. राहुदोष से मुक्ति पाने के लिए मां महागौरी की पूजा होती है. माता का प्रिय पुष्प रात रानी है. मां महागौरी को सफेद रंग के वस्त्र और आभूषण से सजाया जाता है. मान्यता है कि नौ शक्तियों में आंठवी शक्ति माता महागौरी की उपासना से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
महाअष्टमी पर आज सुबह से मंदिरों में भीड़ देखी जा रही है. दिल्ली के छतरपुर मंदिर, कालका देवी मंदिर, झंडेवाली मंदिर, मुंबई के मुंबा देवी मंदिर, सूरत के उमिया माता मंदिर समेत देश के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालु पूजा-पाठ के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं.
माता महागौरी का स्वरूप
देवीभागवत पुराण के अनुसार, माता महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं. माता को श्वेतांबरधरा के नाम से भी जाना जाता है. अपनी तपस्या से माता ने गौर वर्ण प्राप्त किया था. उनकी उत्पत्ति के समय वह आठ वर्ष की थी. इसलिए उनकी नवरात्र के आठवें दिन पूजा की जाती है. वे अन्नपूर्णा स्वरुप हैं. उनका स्वरुप उज्जवल, कोमल, श्वेतवर्ण और श्वेत वस्त्रधारी है. देवी के हाथ में त्रिशूल और डमरु है. तीसरे हाथ में अभय और चौथे हाथ में वरमुद्रा है. माता के आठवें स्वरुप महागौरी का स्वरुप बहुत ही शांत है. वह बैल की स्वारी करती हैं.
माता महागौरी का मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
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