नई दिल्ली. दिल्ली के पहाड़गंज इलाके के नबी करीम में डबल मर्डर का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां ढाबा संचालक और उसके आठ साल के बेटे की उन्हीं के घर में चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई. घटना के वक्त पिता-पुत्र घर में सो रहे थे. मृतकों की पहचान अनुज सिंह और उनके बेटे रौनक के रूप में की गई है. पुलिस को घटना की सूचना शनिवार दोपहर को मिली. पुलिस को घटना के बाद से फरार नौकर पर हत्या करने का शक है, जिसकी तलाश की जा रही है.
पुलिस के अनुसार, बिहार के छपरा जिले के रहने वाले अनुज सिंह आराकशां रोड पर छोटा सा ढाबा चलाते थे. ढाबे की पहली मंजिल पर अनुज की मां कलावती देवी, पत्नी रीमा और आठ साल का बेटा एवं पांच साल की बेटी रहते थे. द्वारका स्थित रिश्तेदार के घर पर कोई कार्यक्रम था, जिसमें शामिल होने के लिए शुक्रवार को रीमा अपनी सास और बेटी के साथ गई हुई थी. रीमा ने शनिवार सुबह पति को फोन किया तो कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद रीमा अपनी सास और बेटी के साथ दोपहर करीब दो बजे ढाबे पर पहुंची. उसने शटर बंद देखा तो गेट खुलवाने के लिए कई बार उसे खटखटाया. जब कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो पड़ोसी से सीढ़ी लेकर वह छत पर बने कमरे में गई. वहां उसने देखा कि बेड पर पति और बेटे के खून से लथपथ शव पड़े हुए थे. इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई.
डांट की वजह से हत्या का शक : पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक हफ्ते पहले ही अनुज ने जानकार के माध्यम से बिहार के युवक सोनू को नौकरी पर रखा था. सोनू का काम बर्तन धोने एवं रोटी आदि बनाने का था. बताया जाता है कि 18 अक्टूबर को सोनू गल्ले से रुपये चुरा रहा था, जिसे अनुज ने पकड़ लिया था. इस पर अनुज ने उसे बहुत डांटा, मगर माफी मांगने पर नौकरी से नहीं निकाला. पुलिस अधिकारी ने बताया कि फरार सोनू पर ही हत्या का शक जताया जा रहा है. हमलावर ने शटर को अंदर से बंद किया और फिर पिता-पुत्र की हत्या कर बाहर की सीढ़ी से उतर गया. पुलिस ने हत्या मा मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. जिले की फॉरेंसिक और क्राइम टीम ने भी मौके से सुबूत जमा किए. इसके अलावा स्पेशल स्टाफ की टीम सोनू के जान पहचान वालों से उसका सुराग हासिल करने की कोशिश कर रही है.
परिवार ही उजड़ गया
रीमा देवी ने बताया कि गांव से दिल्ली वे बच्चों का उज्जवल भविष्य बनाने के लिए आए थे. इसके लिए अनुज दिन-रात मेहनत करता था. हाल ही में परिवार ने उत्तम नगर में एक मकान भी खरीदने की योजना बनाई थी, ताकि बच्चे वहीं पढ़ सकें, लेकिन पिता-पुत्र की हत्या ने परिवार को सड़क पर खड़ा कर दिया है.