रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री रंजना बघेल का दर्द छलक पड़ा। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ है। मैंने भाजपा को अपने 30 साल दिए हैं और पार्टी को इस क्षेत्र में खड़ा करने में मेरा बड़ा योगदान है। कैलाश विजयवर्गीय ने मेरा विरोध कर मेरा टिकट कटवाया है। वह आनंद राय से मिले हुए हैं, बहुत दुख हो रहा है, मैं विचार करूंगी कि मुझे क्या करना है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रण तैयार हो चुका हैं। जिन्हें टिकट मिला है वह मैदान में लड़ने के लिए कमर कस चुके है, वहीं जिन दिग्गजों को टिकट नहीं मिला वे बगावती तेवर दिखा रहे हैं और निर्दलीय लड़ने की बात कह रहे हैं। कांग्रेस के बदनावर से टिंकू बना का दर्द छलका था। धार से कुलदीप सिंह बुंदेला ने निर्दलीय नामांकन भरने की बात कही थी। वहीं अब भारतीय जनता पार्टी की नेत्री मनावर की पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री रंजना बघेल का दर्द टिकट नहीं मिलने पर छलक पड़ा।
मेरे साथ हुआ अन्याय- पूर्व मंत्री
पूर्व मंत्री रंजना ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं 16-17 घंटे पार्टी के लिए काम करती हूं। पुराने सभी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गया लेकिन मेरे साथ अन्याय हुआ। मैं पिछले 30 सालों से भारतीय जनता पार्टी को स्थापित करने में क्षेत्र में बहुत काम किया है और मेरा योगदान है। मैं चार से पांच विधानसभाओं को देखती थी और दूसरी बात मैंने कार्यकर्ताओं को सेवा दी मैं ही गोपाल कनौज को कांग्रेस पार्टी से बीजेपी में लेकर आई थी। उसको कुछ लोगों ने 2013 में मेरे खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़वाया बहुत संघर्ष किया मैंने और कोर्ट में रिपीटिशन भी लगाई कोर्ट में रिपीटिशनलगाने के बाद जीत भी गई थी।
रंजना ने कहा- कैलाश विजयवर्गीय ने मेरा विरोध किया
रंजना बघेल ने कहा कि काम करने के बाद भी मेरे साथ जो अन्याय हुआ है वह मेरे लिए पीड़ा दायक है जो मेरे साथ हुआ है वह बहुत गलत हुआ है। अन्याय की वजह यह है कि मैं डॉक्टर राय के पास लड़ने गई थी। भारतीय जनता पार्टी के लिए और जयस का और जयस का राय भारतीय जनता पार्टी के हमेशा विरोध में जाता था मैंने दादागिरी की थी झगड़ा किया था वह डॉक्टर राय कैलाश विजयवर्गीय से मिला हुआ है और उसने कहा है मेरे को टिकट नहीं मिलना चाहिए और कैलाश विजयवर्गीय ने मेरा विरोध कर मेरा टिकट कटवाया है।
दूध में से मक्खी की तरह निकाल दिया- रंजना बघेल
उन्होंने कहा कि अजिसकी कोई योग्यता नहीं उसको टिकट दे दिया, पुराने सारे लोगों को टिकट दिए, मात्र मेरे अकेले का टिकट काट दिया गया, बाकी सब को दिया गया। आदिवासी नेता हूं, 30 साल से काम कर रही हूं, पिछले 8 साल से मैं कुछ भी नहीं हूं। मुझे दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया। उसके बाद भी मैंने भारतीय जनता पार्टी का काम है।
चुनाव लड़ने को लेकर कही ये बात
पूर्व मंत्री ने कहा कि आदिवासी हूं शायद इसलिए मेरे साथ अन्याय हो रहा है। पार्टी के कोई पद पर नहीं हूं, पार्टी के कार्यकर्ता बैठकर विचार करेंगे। कार्यकर्ता कह रहे हैं कि दीदी आपको चुनाव लड़ना है, पार्टी टिकट दे या ना दें हम आपको चुनाव लड़वाएंगे तो हम इस पर विचार करेंगे।
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