मध्य प्रदेश में भाजपा की पांचवी सूची जारी होने के बाद नाराजगी कम होती दिखाई नहीं दे रही है। अपने क्षेत्र से दावेदारी कर रहे नेताओं की टिकट काटने का दर्द अब खुलकर बाहर आने लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता उनके मान मनौवल में जुटे हैं। लेकिन इसका किसी भी दावेदार पर कोई असर नहीं  हो रहा है। जीत का दावा करने वाले नेता अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। इसी कड़ी में मंडला पूर्व विधायक शिवराज शाह ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और विधायक प्रत्याशी पर कांग्रेस से सांठ गांठ का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी ओर मुरैना में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने अपने बेटे को  टिकट न मिलने पर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि इतने सालों तक जी तोड़ मेहनत की लेकिन मुझे क्या मिला। 

इस्तीफे के बाद पार्टी कार्यालय के गेट पर दंडवत प्रणाम


मंडला, पवन राय।  मंडला विधानसभा में पूर्व राज्यसभा सदस्य सम्पतिया उईके को टिकट मिलने के बाद विरोध शुरू हो गया है। आज सोमवार पूर्व विधायक शिवराज शाह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व विधायक ने केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और विधायक प्रत्याशी पर कांग्रेस के साथ सांठगांठ करके का आरोप लगाया है। पूर्व विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अब दीनदयाल जी के बताए रास्ते पर चलने वाली पार्टी नहीं रही है। जिन्हें टिकट दिया गया है वो कभी भाजपा में नहीं रही हैं। पिछले चुनाव में दोनों सांसदों ने मिलकर मुझे हरवाया था। अब जनता की मांग पर वो निर्दलीय चुनाव लडेंगे। 

उन्होंने कहा कि वे भाजपा के 1985 से कार्यकर्ता हैं। मैंने ऐसे समय में काम किया जब पार्टी में आदिवासी वर्ग का कार्यकर्ता नहीं होता था। लेकिन मैंने देखा बिछिया विधानसभा में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस जीतती है। ऐसे में मुझे जबरदस्ती बिछिया भेज दिया गया। जब भाजपा का  विधायक था निश्चित वहां हारना था। फग्गन सिंह कुलस्ते और संपतिया उइके ने कोंग्रेसियों को पैसा देकर, बीजेपी के कार्यकर्ताओं को बजरंग बली की कसम  खिलाकर विरोध किया। मैंने बर्दाश्त किया। उन्होंने संपतिया उइके पर आरोप लगाया कि उन्होंने जनपद पंचायत चुनाव में जनपद सदस्यों को  भेजकर कांग्रेस की जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनवाई। ऐसे को बीजेपी ने टिकट दिया है। पूरे मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष भीष्म दुवेदी ने कहा है कि पूर्व विधायक भवावेश में निर्णय लिए हैं उन्हें हम मना लेंगे।

मैंने अपने परिवार को नहीं देखा

मनोज उपाध्याय, मुरैना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने टिकट कटने से नाराज होकर बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। अब उन्होंने जनता के सामने अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने कहा कि मैं 12 वर्ष भाजपा में जी तोड़ मेहनत और लगन से काम कर रहा था। मैंने अपने परिवार को नहीं देखा। मैं काम करता रहा। लेकिन मुझे मिला क्या? मैं जब चुनाव लड़ा तो भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी ने मेरा विरोध किया। 5 साल मैंने बड़े सुकून से काटे हैं और अपने परिवार के साथ रहकर बड़ा ही सुख महसूस किया है। अब जनता की मांग पर मेरा बेटा बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहा है और चुनाव जीतकर जनता की सेवा करेंगे। मेरे बेटे राकेश को मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी नजरअंदाज किया गया अब मेरा बेटा राकेश मुरैना विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा मुरैना की जनता लड़ रही है। बता दें कि टिकट कटने से नाराज होकर रुस्तम सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया और बसपा का हाथ थाम लिया। इससे पहले रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दिया था और राकेश को मुरैना विधानसभा सीट से बसपा ने मैदान में भी उतार दिया है। 

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