वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। सिम्स (CIMS) की बदहाली और मरीजों की बेसिक सहूलियत नहीं होने पर हाई कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई से पहले सिम्स अधीक्षक के पद से डॉ. नीरज शेंडे हटाए गए. हाईकोर्ट की सख्ती बयान के बाद डॉ. शेंडे की जगह पर डॉ. सुजीत नायक को जिम्मेदारी दी गई है. मामले में आज सुबह 10.30 बजे फिर से सुनवाई होगी.
बता दें कि सिम्स की बदहाली पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल ने जवाब देने के लिए उपस्थित हुए सिम्स के अधीक्षक को फटकार लगाते हुए यहां तक कह दिया था कि जो व्यक्ति स्वयं अनफिट है, उसे अधीक्षक कैसे बना दिया गया. कोर्ट ने मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव के साथ कलेक्टर को सिम्स अस्पताल की पूरी रिपोर्ट मंगलवार को उपस्थित होकर कोर्ट में पेश करने कहा था.
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिम्स अधीक्षक डॉ. नीरज शिंदे से कई सवाल किए. कोर्ट ने अस्पताल में मेडिकल प्रैक्टिशियर की जानकारी मांगी, यह पूछा कि यहां कितने एमडी और कितने एमबीबीएस डॉक्टर हैं? इसके बारे में डॉ. शिंदे जवाब नहीं दे पाए. चीफ जस्टिस सिन्हा ने कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि क्या आप अपने चेंबर तक जाते वक्त बदहाली नहीं नजर आती? मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य की है, हमारे पास बहुत काम है, लेकिन अब हम मजबूर होकर स्वतः संज्ञान ले रहे हैं.
हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव, सचिव स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य को बुनियादी ढांचे, तैनात डॉक्टरों की संख्या, सुविधाओं और पिछले तीन वर्षों के लिए सिम्स को आवंटित धन और उसके उपयोग के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दो दिन के भीतर दाखिल करने कहा है.