नोएडा . फ्लैट की रजिस्ट्री और कब्जे का इंतजार कर रहे खरीदारों को दिवाली से पहले राहत मिल सकती है. बिल्डर और खरीदारों की समस्या सुलझाने के लिए अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करने की तैयारी चल रही है. इसका रोडमैप तैयार किया जा चुका है. कैबिनेट से पास कराने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा. सिफारिशों के लागू होने से करीब 1.67 लाख फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी.

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डर-बायर्स के मसले को लेकर धरना प्रदर्शन होते रहते हैं. इसके समाधान के लिए लगातार प्रयास चलते रहते हैं. प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी इस मुद्दे के समाधान के प्रयास में लगी है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने अमिताभ कांत समिति गठित की थी. खरीदारों को राहत देने के लिए समिति ने कई सिफारिशें की हैं. इन सिफारिशों को लागू करने की तैयारी चल रही है. सिफारिशें लागू होने से खरीदारों के फ्लैट की रजिस्ट्री और कब्जे का रास्ता खुल सकता है.

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने इन सिफारिशों को लेकर अपना आकलन किया. इससे यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि इन सिफारिशों के लागू होने से खरीदारों को कितनी राहत मिलेगी. औद्योगिकि विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह भी इस मसले पर बैठक कर चुके हैं. शासन स्तर पर भी इसको लेकर बैठकें हुई हैं. अब इन सिफारिशों को लागू करने की योजना है.

सूत्रों का कहना है कि पहले यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा. कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा. इन सिफारिशों के लागू होने से खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो जाएगा. साथ ही रुकी हुई परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा. अधूरी परियोजनाओं के पूरा होने से उनके खरीदारों को फ्लैट पर कब्जा मिल सकेगा. दिवाली से पहले इन सिफारिशों के लागू होने की उम्मीद है. फ्लैट खरीदार लंबे समय से रजिस्ट्री और कब्जा का इंतजार कर रहे हैं.

समिति की प्रमुख सिफारिशें

1. सिफारिश में कहा गया है कि कोविड महामारी के समय का दो साल का शून्य काल बिल्डरों को दिया जाएगा. नोएडा प्राधिकरण एनजीटी के स्थगनादेश को देखते हुए दो साल का शूल्यकाल दे सकता है. अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राधिकरण बिल्डरों को तीन साल का और समय दें. इसके बदले कोई शुल्क नहीं लिया जाए.

2. बकाया पर ब्याज की गणना जून 2020 के बाद एसबीआई की एमसीएलआर दर से की जाए. बिल्डर को कोडेवलपर खोजने की अनुमति मिले. अधूरे प्रोजेक्ट को बिल्डर सरेंडर करना चाहता है तो अनुमति मिले.

3. परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बिल्डरों को मोर्टगेज दिया जाए. इन सिफारिशों का लाभ लेने के लिए बिल्डरों को बकाये का 25 प्रतिशत पैसा जमा करना होगा. बाकी पैसा अगले तीन साल में साधारण ब्याज दर के साथ देना होगा.