सीतापुर. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को अपने बेटे अब्दुल्ला के बगैर रातभर बेचैनी सताती रही. रामपुर से सीतापुर जिला कारागार लाए गए आजम करवटें बदलते रहे और उन्हें नींद भी काफी कम आई. वहीं, पहले ही दिन से कारागार प्रशासन उनके लिए मुस्तैद दिखा. दो बार चिकित्सकों ने उनका चेकअप किया. फिर उन्हें जेल में बनने वाला सादा खाना दिया गया.
बता दें कि रविवार को आजम खां जेल में अपनी पुरानी बैरक में पहुंचे. जहां उन्हें पहले भी रखा गया था. आजम (शुगर) मधुमेह और बीपी की बीमारी से ग्रसित बताए जाते हैं. जब वह जेल आए तब उनके सामान के साथ दवाएं भी लाई गईं थीं. शाम को ही एक चिकित्सक उनके पास पहुंचा और करीब एक घंटे तक उनका चेकअप करने के बाद दवाओं की भी जांच की.
आलू-बैंगन की सब्जी रोटी
आजम खां ने देर रात दाल, चावल, रोटी के साथ बैंगन-आलू की सब्जी भी खाई. रात में वह अपनी बैरक में करवटें बदलते दिखाई दिए. सोमवार सुबह होते ही नाश्ते के बाद फिर एक चिकित्सक ने उनका हाल जाना. इस दौरान जेल के डिप्टी जेलरों ने भी आजम की बैरक की निगरानी की.
अब्दुल्ला है वजह
अब्दुल्ला के न होने से जेल के जिम्मेदारों की भी चिंता बढ़ गई है. पहले हल्की सी भी परेशानी होने पर अब्दुल्ला जेल प्रशासन को जानकारी दे दिया करते थे. अब्दुल्ला साथ रहते थे तो आजम को अकेलेपन का अहसास नहीं होता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है.
जेल के बाहर सन्नाटा
दूसरे दिन जेल के बाहर सन्नाटा पसरा रहा. आम दिनों की तरह ही मुलाकात करने वाले लोग ही वहां दिखाई दिए. इसके अलावा कोई अन्य हलचल देखने को नहीं मिली. वहीं, पिछली बार आजम खां से मुलाकात करने आने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमवार को जेल से दूरी बनाए रहे. हालांकि सीतापुर में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के यहां आजम खां को लेकर चर्चा होती रही.
‘हफ्ते में एक मुलाकात संभव’
सीतापुर जिला कारागार जेल अधीक्षक एस के सिंह ने बताया कि आजम खां के सजायाफ्ता होने के कारण लोग उनसे हफ्ते में सिर्फ एक बार ही मुलाकात कर सकते हैं. अगर उनको सजा न सुनाई जाती तो नियमानुसार हफ्ते में तीन बार मुलाकात की जा सकती थी. मुलाकात से पहले आजम खां से जानकारी भी ली जाएगी.