लखनऊ. आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा चुनाव से पहले निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव पर ही भरोसा जताया है. लेकिन पदाधिकारियों के सामने करीब डेढ़ साल से प्रदेश में निष्क्रिय पड़े संगठन को फिर से तैयार करना बड़ी चुनौती है. लंबे समय से प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक का संगठन भंग होने से कार्यकर्ताओं में मायूसी है, ऐसे में उनमें जोश भरकर चुनाव में उपस्थिति दर्ज कराना चुनौतीपूर्ण होगा.
आप का प्रदेश संगठन जुलाई 2022 से भंग चल रहा है. लेकिन प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह कार्यक्रम कर रहे थे. हाल में उनकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने पहले के पदाधिकारियों पर ही भरोसा दिखाया है. पर संजय सिंह की गैरमौजूदगी के बीच लोकसभा चुनाव की तैयारी को गति देना बड़ी चुनौती होगी. नए प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह व महासचिव दिनेश पटेल को चुनाव के लिहाज से जमीनी स्तर तक संगठन तैयार करना होगा. एक तरफ जहां सभी पार्टियां पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी हैं, वहां अभी पार्टी को प्रदेश में पहले पदाधिकारी चुनने और फिर चुनावी प्रक्रिया को गति देनी है.
‘जल्द तैयार होगा संगठन’
प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह कहते हैं कि एक महीने के अंदर संगठन के लोगों से वार्ता कर और सभी मंडल में बैठक कर नई कार्यकारिणी का गठन करेंगे. हाल ही में विधानसभा व जिला स्तर पर पदाधिकारी बनाए गए हैं. संगठन को गांव-गांव तक ले जाने पर भी काम शुरू हो गया है. जल्द ही संगठन पूरी तरह से तैयार हो जाएगा.