हेमंत शर्मा, इंदौर। शहर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 में विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी और कांग्रेस ने पूर्व में रह चुके विधायकों और कम मार्जिन से हारने वाले प्रत्याशियों को फिर मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने लगातार चार बार से विधायक रह चुके महेंद्र हडिया को पांचवीं बार फिर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मध्य प्रदेश में चुनाव का बिगुल बच चुका है। 17 नवंबर को मतदान होना है, ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी लगातार लोगों के बीच जनसंपर्क करने पहुंच रहे हैं। बीजेपी प्रत्याशी अपनी पार्टी के 18 साल और कांग्रेस प्रत्याशी अपनी 15 महीने की सरकार की जानकारी लोगों तक पहुंचा रहे हैं, वहीं विकास कार्यों की दावे भी दोनों ही पार्टियों के नेता करते नजर आ रहे हैं

पांच नंबर विधानसभा का इतिहास

मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से एक प्रमुख सीट इंदौर की पांच नंबर विधानसभा भी मानी जाती है। इस विधानसभा में इस बार पुरुषों की संख्या 208588 वहीं महिलाओं की संख्या 204853 और थर्ड जेंडर 6 है। इस विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 413447 हो गई है। इस विधानसभा में 341 मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं। विधानसभा का पहला चुनाव 1977 में सुरेश सेठ ने लड़ा था और कांग्रेस ने पहली बार यहां जीत का परचम लहराया था। उसके बाद फिर 1980 में चुनाव हुआ और सुरेश सेठ जीत गए। इसके बाद 1985 में सुरेश से निर्दलीय चुनाव में खड़े हुए और फिर जीत का परचम लहराया। 1990 में अशोक शुक्ला कांग्रेस से. 1993 में भंवर सिंह शेखावत बीजेपी से, 1998 में सत्यनारायण पटेल कांग्रेस से, 2003 में महिंद्रा हडिया 2018 तक चार बार के विधायक रहे। इस विधानसभा में ग्रामीण क्षेत्र भी आता है और कई बाईपास की प्रमुख कालोनियां पांच नंबर विधानसभा में मौजूद है। इस विधानसभा में कई अवैध कॉलोनी है जिन्हें वैध करने का दवा 2018 के विधानसभा चुनाव में भी किया गया था लेकिन अब तक अवैध कॉलोनी की स्थिति वैसी ही बनी हुई है। कई जगहों पर नर्मदा जल नहीं पहुंच रहा है। नर्मदा लाइन तो पहुंच चुकी है लेकिन आज भी लोग टैंकरों से पानी भरने मजबूर है।

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सत्यनारायण पटेल कौन है कब राजनीतिक में रखा था कदम

क्षेत्र क्रमांक 5 से कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 16 साल की उम्र से ही शुरू कर दी थी। वह अपने पिता रामेश्वर पटेल के साथ राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होते रहे और उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हो गई। कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव राजीव गांधी को उन्होंने ने काफी प्रभावित किया। राजीव गांधी ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित भी किया। वे लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े जिसमें पर दो बार विधायक भी चुने गए। वे 1989 में निर्वाचित सरपंच ग्राम पंचायत इंदौर बने। 1990 से 1991 तक महासचिव युवा कांग्रेस बने। 1995 से 96 तक अध्यक्ष मध्य प्रदेश कांग्रेस पंचायत सेल बने। 1994 से 1997 में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। 1997 से 1998 में राष्ट्रीय अध्यक्ष संगठन की जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे। 1998 से 2003 में विधानसभा सदस्य क्षेत्र क्रमांक 5 से रहे। 2008 से 2013 तक देपालपुर से विधायक रहे। अब उनका मुकाबला चार बार विधायक रह चुके महेंद्र हडिया के साथ है। 2018 के विधानसभा के चुनाव में 1133 वोटों से पराजित हुए पटेल ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा। पहली लोकसभा चुनाव 2009 में सुमित्रा महाजन के खिलाफ लड़ा। उसके बाद दूसरा चुनाव 2014 में फिर सुमित्रा महाजन के खिलाफ लड़कर पराजित हुए।

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महेंद्र हडिया चार बार के विधायक पांचवीं बार फिर बने प्रत्याशी

बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र हडिया का इस बार कड़ा मुकाबला रहने वाला है। महेंद्र को 2018 विधानसभा चुनाव में 1,17,836 वोट मिले थे। वहीं 1,16,703 वोट सत्यनारायण पटेल को मिले थे। महेंद्र ने 1133 वोटो से अपनी जीत दर्ज कराई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव काउंटिंग के दौरान 4:00 बजे लाइट जाने से अव्यवस्था हुई थी, जिसके कई आरोप पटेल ने जिला प्रशासन पर लगाए थे। महेंद्र ने अपना करियर छात्र राजनीति से शुरू किया था। 17 वर्ष की आयु में गुजराती हाई सेकेंडरी स्कूल में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। विद्यार्थी जीवन में 1971 में बेस्ट स्काउट स्थापित कर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हुए। वर्ष 1973-74 में होलकर विज्ञान महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1975-76 के आपातकाल के दौरान सक्रिय छात्र नेता के रूप में हडिया बंदी बनाए गए और मीसाबंदी रहे। इसके बाद चाहने वालों ने महेंद्र को बाबा नाम दे दिया। जब से महेंद्र बाबा के नाम से जाने जाते हैं। भाई बीजेपी से नगर पालिका निगम में 1983 में पार्षद रहे। 1984 से 2004 तक भाजपा नगर अध्यक्ष भी महेंद्र रह चुके हैं। लगातार 10 साल तक इंदौर की राजनीति करने के बाद 2003 में महेंद्र ने विधानसभा का पहले चुनाव विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 से लड़ा और 1,14,000 मतों से निर्वाचित घोषित हुए। वे लगातार 2003, 2008, 2013 और 2018 में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 से ही चुनाव जीते आए हैं। 2023 की चुनाव में पांच नंबर विधानसभा से इंदौर शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे दावेदारी कर रहे थे लेकिन महेंद्र ने बाजी मार ली और उन्हें घर बैठे टिकट मिल गया। इसके पहले महेंद्र चुनाव लड़ने से इनकार भी कर चुके थे।

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बीजेपी कांग्रेस से विधानसभा 5 में कई दिग्गज कर रहे थे दावेदारी

इंदौर की इस पांच नंबर विधानसभा से कांग्रेस की अगर बात की जाए तो कांग्रेस से सत्यनारायण पटेल के साथ प्रियंका गांधी के काफी करीबी माने जाने वाले स्वप्निल कोठारी भी अपनी दावेदारी जमकर कर रहे थे। सत्यनारायण पटेल और स्वप्निल कोठारी के बीच काड़ मुकाबला टिकट की दावेदारी को लेकर चल रहा था। दोनों ही नेता प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं और इस बीच क्षेत्र में कई धार्मिक आयोजन दोनों नेताओं ने करवाना शुरू कर दिए थे। इस बीच कांग्रेस से पूर्व विधायक रहे सत्यनारायण पटेल ने बाजी मार दी और पांच नंबर विधानसभा से टिकट लेकर मैदान में उतर गए। वहीं भारतीय जनता पार्टी की अगर बात की जाए तो में इंदौर नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे भी पांच नंबर विधानसभा से अपनी दावेदारी कर रहे थे। रणदीवे ने इंदौर के कई अखबारों और एफएम पर दावेदारी की चर्चा प्रसारित करवा दी थी। राजनीति का शिकार होकर उन्हें भी अपने कदम पीछे हटना पड़े और फिर से पांचवीं बार महेंद्र हडिया को बीजेपी ने घर बैठे टिकट थमा दिया। वे क्षेत्र में जनसंपर्क करने उतर गए हैं।

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