अयोध्या. जालसाज अनूप चौधरी को एसटीएफ ने अयोध्या से गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि हैदराबाद की कंपनी विष्णु वल्लभ इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि. को 250 करोड़ रुपये का लोन दिलाने का झांसा देकर अनूप चौधरी ने छह करोड़ रुपये की ठगी की थी. एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने अयोध्या पुलिस को अनूप चौधरी की हिस्ट्रीशीट खोलने का निर्देश दिया है. कंपनी के प्रतिनिधि विपिन मिश्रा ने प्रयागराज के यमुनानगर थाने में नौ सितंबर 2023 को अनूप चौधरी, जयेंद्र सिंह, सुरेश थोराट, जतिन व्यास, संतोष कुमार व अन्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था.

कंपनी देश भर में निर्माण परियोजनाओं पर काम करती है. विपिन के मुताबिक उनके पुराने परिचित जयेंद्र सिंह ने कंपनी को ढाई सौ करोड़ रुपये का लोन दिलाने का आश्वासन देकर 18 सितंबर 2021 को दिल्ली में जतिन व्यास व सुरेश थोराट से मिलवाया. इसके बाद 25 सितंबर को लखनऊ में दोनों ने अपने गुरु अनूप चौधरी से विपिन की मुलाकात कराई. अनूप ने लोन दिलाने के लिए 7.5 प्रतिशत प्रोसेसिंग फीस मांगी. हालांकि छह करोड़ रुपये में लोन दिलाने का एग्रीमेंट हुआ.

विपिन ने पांच महीने में अनूप को 4.90 करोड़ रुपये नकद दिए और 1.20 करोड़ रुपये बैंक खाते में भेजे. दो साल बाद भी जब लोन नहीं मिला तो तकादा करने पर अनूप डेढ़ करोड़ रुपये और मांगने लगा. पैसे देने से मना करने पर अनूप व उसके साथियों ने 12 जुलाई 2023 को प्रयागराज स्थित आवास पर आकर विपिन को एससी-एसटी एक्ट में फंसाने व जान से मारने की धमकी दी. तब विपिन ने अनूप के बारे में छानबीन की तो पता चला कि उसकी लोन दिलाने की हैसियत नहीं है. इसके बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मिलकर प्रकरण से अवगत कराया. इसके बाद एसटीएफ ने अनूप को अयोध्या में ड्राइवर फिरोज के साथ दबोच लिया.

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जांच में सामने आया कि अनूप 2020 से गाजियाबाद के डीएम को झांसा देकर प्रोटोकॉल की सुविधा ले रहा था. वह मूलत: अयोध्या का रहने वाला है और उसका गाजियाबाद के वैशाली में भी घर है. वह खुद को भाजपा का वरिष्ठ नेता, भारतीय खाद्य निगम की सलाहकार समिति का सदस्य समेत कई विभागों का सदस्य और अधिकारी बताता था. उसने कुछ कंपनियां भी खोली हैं, जिसके जरिये काली कमाई को सफेद करता है. उसके खिलाफ राजस्थान और उत्तराखंड के अलावा यूपी के लखनऊ, बरेली, शामली व अमरोहा में नौ मुकदमे दर्ज हैं. उत्तराखंड पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 15 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था.