नई दिल्ली . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत दिल्ली में होने वाले आयोजित ‘अमृत कलश यात्रा’ के समापन समारोह के कार्यक्रम में भाग लेंगे. विजय चौक और कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम में 766 जिलों के 7,000 खंडों से अमृत कलश यात्री उपस्थित रहेंगे.
संस्कृति मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के अंतिम कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान एक स्वायत्त निकाय – मेरा युवा भारत (एमवाई भारत) का शुभारंभ भी होगा – जो सरकार का ध्यान युवाओं के नेतृत्व वाले विकास पर केंद्रित करने और युवाओं को विकास का सक्रिय संचालक बनाने में मदद करेगा.
युवाओं पर है सरकार का फोकस
मंत्रालय ने कहा कि इस स्वायत्त निकाय का उद्देश्य युवाओं को सामुदायिक परिवर्तन एजेंट और राष्ट्र निर्माता बनने के लिए प्रेरित करना है, जिससे वे सरकार और नागरिकों के बीच ‘युवा सेतु’ के रूप में कार्य कर सकें. यह भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए 12 मार्च, 2021 को शुरू हुए दो साल लंबे अभियान आजादी का अमृत महोत्सव के समापन का भी प्रतीक होगा. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत पूरे देश में उत्साही जनभागीदारी के साथ दो लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.
बयान में कहा गया है कि ‘मेरी माटी मेरा देश’ (एमएमएमडी) के अंतिम आयोजन के लिए 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 20,000 से अधिक अमृत कलश यात्री 30-31 अक्टूबर को कर्तव्य पथ और विजय चौक पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए विशेष ट्रेन, बसों और स्थानीय परिवहन जैसे विभिन्न साधनों से 29 अक्टूबर तक राष्ट्रीय राजधानी पहुंच रहे हैं. इसके अनुसार, ये अमृत कलश यात्री दो शिविरों में रुकेंगे – गुरुग्राम में धनचिरी शिविर, और दिल्ली में राधा स्वामी सत्संग ब्यास शिविर.
दो दिन चलेगा कार्यक्रम
मंत्रालय ने कहा कि 30 अक्टूबर को, सभी राज्यों के ब्लॉक और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाते हुए अपने कलश से मिट्टी को एक विशाल ‘अमृत कलश’ में डालेंगे. मंत्रालय ने कहा कि अमृत कलश में मिट्टी डालने की रस्म के दौरान प्रत्येक राज्य के लोकप्रिय कला रूपों को प्रदर्शित किया जाएगा. कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे शुरू होगा और देर शाम तक चलेगा.
मंत्रालय ने कहा कि 31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम होगा, जो सभी के लिए खुला रहेगा. उसने कहा कि शाम 4 बजे, प्रधानमंत्री मोदी अमृत कलश यात्रियों और राष्ट्र को संबोधित करेंगे तथा उन बहादुरों को याद करेंगे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता और उसे समृद्ध बनाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.
बयान में कहा गया है कि अपने पहले चरण में, एमएमएमडी अभियान बहुत सफल रहा, जिसमें 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 2.33 लाख से अधिक शिलाफलकम बनाए गए, लगभग चार करोड़ पंच प्राण प्रतिज्ञा सेल्फी अपलोड की गईं और देश भर में दो लाख से अधिक ‘वीरों का वंदन’ कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसके अतिरिक्त, 2.36 करोड़ से अधिक स्वदेशी पौधे लगाए गए हैं और वसुधा वंदन विषय के तहत 2.63 लाख अमृत वाटिकाएं बनाई गई हैं.
वहीं, दूसरे चरण में अमृत कलश यात्राओं को देश के हर घर तक पहुंचाने की योजना बनाई गई. बयान के अनुसार भारत भर के ग्रामीण क्षेत्रों के छह लाख से अधिक गांवों और शहरी क्षेत्रों के वार्ड से मिट्टी और चावल के दाने एकत्र किए गए. इसमें कहा गया है कि प्रत्येक गांव से एकत्रित ‘मिट्टी’ को ब्लॉक स्तर पर मिलाया गया और फिर राज्य की राजधानी में लाया गया और एक औपचारिक विदाई के साथ हजारों अमृत कलश यात्रियों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में भेजा गया.