उज्जैन। 28 और 29 अक्टूबर की दरमियानी रात साल 2023 का आखिरी चंद्रग्रहण दिखाई दिया। इस दौरान देशभर (भारत) के लगभग सभी मंदिरों में दर्शन बंद रहे, लेकिन कालो के काल भगवान महाकाल के मंदिर के कपाट बंद नहीं किए गए। मंदिर में आम श्रद्धालुओं को दर्शन से नहीं रोका गया।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट ग्रहण काल के दौरान बंद नहीं होते है। मान्यता है कि मंदिर में इसका (ग्रहण) का कोई असर नहीं होता। यही वजह है कि ग्रहण काल के दौरान भी महाकाल मंदिर के कपाट खुले रहते हैं। हालांकि पूजा-पाठ के समय में कुछ बदलाव किए जाते हैं।

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ग्रहण काल के दौरान गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहती है, लेकिन आम भक्तों के दर्शन खुले रहते हैं। इस दौरान होने वाली आरती के समय में भी बदलाव किया जाता है। वहीं ग्रहण काल खत्म हो जाने के बाद मंदिर परिसर को धोने की भी परंपरा है।

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महाकाल मंदिर का शुद्धिकरण

शनिवार और रविवार की दरमियानी रात साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण दिखाई दिया। चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद रविवार सुबह पुजारियों ने महाकाल मंदिर का पवित्र नदियों के जल से शुद्धिकरण किया। इसके बाद भगवान महाकाल के दरबार के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान महाकाल को स्नान कराया गया और पंचामृत अभिषेक कर भगवान महाकाल गणेश रूपी विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद महाकाल की आरती शुरू हुई।

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