नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता अचानक बहुत खराब स्थि​ति में पहुंच गया है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का असर लोगों से सेहत पर पड़ सकता है. खराब होती हवा त्वचा संबंधी एलर्जी व शरीर पर लाल चकत्ते का रोग दे सकती है. इसे सोरायसिस रोग कहा जाता है, जिसमें त्वचा की कोशिकाएं चकत्ते और खुजली वाली, सूखी पपड़ियां बनाती है.

इस रोग के होने के पीछे कई कारण हैं, जिसमें प्रदूषण भी एक बड़ा कारक है. प्रदूषण का इस रोग से सीधा संबंध है. यह आटोइम्युन की बीमारी है. यदि कोई व्यक्ति इससे पीड़ित है तो प्रदूषण समस्या को बढ़ा सकता है. इससे पीड़ित मरीज यदि समय पर उचित इलाज नहीं करवाता तो उसे हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक आने का खतरा बना रहता है.

विश्व सोरायसिस दिवस के मौके पर एम्स में इसे लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि रोग के बारे में जानकारी होने के बाद भी मरीज जल्दी उपचार करवाने नहीं आते. एम्स के डीन और त्वचा रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कौशल वर्मा ने कहा कि देश में करीब एक करोड़ लोगों को यह बीमारी है. यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है. यदि समय पर इसका उपचार नहीं करवाते तो यह शरीर में फैलकर महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करती है. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 20 से 30 साल की उम्र और 50 साल से अधिक के उम्र के लोगों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है.