पंजाब के रोपड़ में बुजुर्ग मां को पीटते बेटा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो यह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। इस बीच बेटे का एक घिनौना सच सामने आया है। दरअसल, वह 15 लाख रुपये की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) हथियाने के चक्कर में वकील बेटा अपनी बुजुर्ग विधवा मां पर कहर ढा रहा था। यह खुलासा वकील अंकुर वर्मा ने पुलिस रिमांड के दौरान किया है।
उधर, पुलिस ने वकील अंकुर वर्मा की सरकारी शिक्षक पत्नी मधु वर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, जिला बार काउंसिल ने उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। साथ ही पांच वकीलों ने पंजाब-हरियाणा बार काउंसिल को लाइसेंस रद्द करने के लिए पत्र लिखा है।
अदालत ने दोनों को 10 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने अदालत से एफडी रिकवर करने की खातिर रिमांड मांगी। अदालत ने दो घंटे में रिकवरी करने को कहा। इसके बाद पुलिस टीम दोनों आरोपियों को ज्ञानी जैल सिंह नगर स्थित घर लेकर पहुंची और यहां से 10 लाख और एक पांच लाख रुपये की एफडी रिकवर की।
एसएचओ पवन कुमार ने बताया कि अंकुर वर्मा के पिता ने सन 2020 में यह दोनों एफडी अपनी पत्नी आशा रानी के नाम पर करवाई और नॉमिनी अंकुर वर्मा को बनाया था। 2024 में मेच्योर होने वाली इन एफडी की राशि पिता ने अपनी बेटी दीपशिखा को देने को कहा था लेकिन अंकुर वर्मा इसे खुद हथियाना चाहता था। यही वजह है कि वह अपनी मां से मारपीट करता था। पुलिस जायदाद के उन दस्तावेजों की भी जांच कर रही है जो वकील अंकुर वर्मा ने अपनी मां से अपने नाम पर करवाई है।
पुलिस जब वकील अंकुर वर्मा और उनकी पत्नी आशा वर्मा को घर लेकर पहुंची तो अंकुर वर्मा रोने लगा। अंकुर ने अपने एक पड़ोसी से उनके बच्चों का ध्यान रखने को कहा। पड़ोसी और रिश्तेदारों ने भी अंकुर वर्मा से दूरी बना ली है।
- 2025 के लिए RJD तैयार कर रही खास प्लान, बैठक के बाद मनोज झा का बड़ा बयान, कहा- सिर्फ सत्ता नहीं बहुत कुछ बदलने वाला है…
- अंबिकापुर में खपा रहा था यूपी की अंग्रेजी शराब, भारी मात्रा में अलग-अलग ब्रांड की शराब के साथ युवक गिरफ्तार
- दिग्गज नेताओं की वजह से अटकी जिला अध्यक्षों की सूची? पूर्व विधायक का तंज- जो लूट रहे, उन्हें मिल रहा पद
- Jharkhand: कल्पना सोरेन को मिली नई जिम्मेदारी, बनीं महिला और बाल विकास समित की सभापति
- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने सौंपा ज्ञापन, महंगाई भत्ता बढ़ाने समेत ये हैं प्रमुख मांगें