शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है। जहां एक ओर बीजेपी-कांग्रेस प्रचार अभियान में पूरा दम लगा रही है, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में तीसरा मोर्चा भी चुनाव को और रोचक बनाने में जुटा हुआ है। हालांकि ये तो आने वाले परिणाम ही बताएंगे कि ये प्रदेश के मुख्य दोनों दलों को कितना नुकसान पहुंचाते है। लेकिन बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने एमपी में तीसरे मोर्चे को फेल होना बताया है। दरअसल केंद्र में I.N.D.I.A गठबंधन के होने से विधानसभा चुनाव रोचक होने की उम्मीद जताई जा रही है।
वहीं दोनों ही मुख्य दलों बीजेपी-कांग्रेस का मानना है कि आप पार्टी समेत सपा, बसपा और अन्य दलों के दावों की हवा निकल चुकी है। तीसरे मोर्चा के किसी भी दल के पास सभी सीटों पर दावेदार तक नहीं है। जबकि नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। ऐसे में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होने वाला है।
वहीं इस पर कांग्रेस का बयान भी सामने आया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मिथुन अहिरवाल ने कहा कि प्रदेश में थर्ड फ्रंट के दावे ही बैकफुट पर है। उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे के सभी दलों को हरी भजन करना चाहिए। चुनाव मैदान में उतरने से पहले पिछले रिकॉर्ड का भी आंकलन नहीं किया गया। बिना कार्यकर्ताओं पदाधिकारी और कैंडिडेट के ही दावे वादों का दम निकल गया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ही एक मात्र पार्टी जो थर्ड फ्रंट की है और कांग्रेस का ही प्रदेश के पास बेहतर विकल्प।
वहीं बीजेपी की तरफ से भी इस पर बयान सामने आया है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश के गठन के बाद से ही तीसरे मोर्चे का कोई अस्तित्व नहीं है। प्रत्याशी तो ठीक कार्यकर्ता तक नहीं है। प्रदेश में तीसरे मोर्चे का दावा करने वाले दो दल आप और सपा घमंडियां गठबंधन का हिस्सा है। प्रमुख दलों से नाराज होकर राजनीतिक जमीन तलाश रहे उम्मीदवारों को तीसरे मोर्चे ने टिकट दिए है। इसलिए उनकी सीधी टक्कर केवल कांग्रेस के साथ है।
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