अजय नीमा, उज्जैन। विधानसभा चुनाव को लेकर जागरूकता अभियान चला कर मतदान करने की अपील की जा रही है। लेकिन दूसरी ओर उज्जैन के एक गांव में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार का ऐलान किया है। उन्होंने अपनी मांगें पूरी न होने तक मतदान न करने का फैसला किया है। साथ ही गांव के बाहर बोर्ड लगाया है जिसमें लिखा है नेता व मंत्रियों का आना प्रतिबंधित है। परिसीमन व शराब की दुकान हटाने की प्रमुख मांग करते हुए 700 से अधिक ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है। 

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उज्जैन-मक्सी रोड़ पर देवास जिले में स्थित डिंगरोदा गांव उज्जैन में तराना तहसील के गांव का नजदीकी गांव है। यहां ग्रामीणो ने गांव के बाहर एक बोर्ड लगाया है जो अब चर्चा का विषय बन गया है। इस बोर्ड में लिखा है- ग्राम पंचायत डिंगरोदा पूर्ण रूप से चुनाव का बहिष्कार करता है। यहां किसी भी पार्टी के नेता व मंत्री का प्रवेश करना निषेध है-आज्ञा से समस्त ग्रामवासी।

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दरअसल यह गांव तीनो जिलों में अटका हुआ है। थाना मक्सी शाजापुर जिले में आता है। तहसील टोंक देवास जिले में आती है और पोस्ट जवासिया जो उज्जैन जिले के तराना में आती है । जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विधानसभा मुख्यालय 80km है व उज्जैन जिले तराना के पास पड़ता है। इसलिए ग्रामीणो की मांग है कि गांव का परिसीमन कर उज्जैन जिले की तराना तहसील में लाया जाए। 

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वही गांव की महिलाओ ने कड़ा विरोध जताते हुए बताया की पहले पंचायत गांव में थी ,पूर्व उप सरपँच ने पटवारी के साथ सांठगांठ कर पंचायत भवन को यहां से हटाकर 1km दूर कर दिया। जिससे हमें वह तक जाने में काफी परेशानी हुई। वहीं पंचायत व आंगनवाड़ी के स्थान पर शराब की दुकान व एक अन्य दुकान खोल दी जो की मन्दिर और स्कूल के मजदीक है।  आये दिन शराबी यहां उत्पात मचातेा हैं। जिससे महिलाओ को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं पूरे मामले को लेकर ग्रामीणो ने कई  बार देवास कलेक्टर को लिखित में शिकायत की है लेकिन कोई भी जिम्मेदार सुध लेने को तैयार नहीं है।

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ग्रामीणों ने बताया कि उपसरपंच के कहने पर जनपद सीईओ गांव में आये थे लेकिन समझाने की जगह उल्टा धमकी देकर चले गए। उन्होंने कहा कि यदि मतदान नहीं किया तो योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। जिससे ग्रामीण और आक्रोशित हो गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अब पूर्ण रूप से मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। जब तक हमारी समस्या का निराकरण न हो जाये, चाहे इसमें10 साल क्यो न हो जाये?

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