कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल का दावा चुनावी स्टंट साबित हुआ। दरअसल, पहले उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का दंभ भरा था। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के बाद उनके सुर बदल गए। कमलनेश ने चुनाव लड़ने का फैसला बदल दिया है।
जबलपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। नामांकन के दौरान उन्होंने दावा किया था कि किसी का भी फोन आ जाए घर पर नहीं बैठूंगा। वहीं सीएम शिवराज सिंह से मिलने के बाद उनके सुर बदल गए। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले को बदल दिया है।
आपको बता दें कि जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा में अभिलाष पांडे को टिकट देने के बाद से BJP के तीन प्रमुख दावेदार नाराज हो गए थे। धीरज पटेरिया के समर्थकों ने भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री के सामने जमकर बवाल किया था। नगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं 4 बार के पार्षद और ननि नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर नामांकन दाखिल कर दिया था। हालांकि सीएम से मिलने के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया है। अब सवाल यह है कि नेता प्रतिपक्ष मान गए या मनौव्वल बाकी है। क्या सिर्फ बड़े नेताओं से मिलकर नजरों में आने का खेल रचा जा रहा है ?
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