सर्दी का मौसम आते ही हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर, छत्तीसगढ़ में विदेशी मेहमानों का आगमन शुरू हो गया है.

पूरे छत्तीसगढ़ में प्रवासी पक्षियों की करीब 450 प्रजातियां देखने को मिलती हैं.

इनके साथ ही स्थानीय परिंदे भी यहां प्रवास करते हैं. जो संख्या करीब 2000 के पार हो जाती है

बेमेतरा के गिधवा-परसदा में विदेशी पक्षियों के आने का सिलसिला 30 सालों से जारी है.

बतख प्रजाति के पक्षी 17 हजार KMका सफर तय कर साइबेरिया से आते हैं

साइबेरिया में ज्यादा ठंड पड़ती है, इसलिए वे सर्दियों को टाइओवर करने के लिए छत्तीसगढ़ आते हैं.

Chhattisgarh में उनके अनुकूलन के अनुरूप धूप रहती है.

जो उनके अंडे से बच्चे निकलने,विकसित होने तक के लिए काफी मददगार है.

दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के बेलौदी, सांतरा-अचानकपुर में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन हुआ है.

दुनिया में सबसे ऊंची उड़ान भरने वाले राजहंसों का झुंड.

जिसे बार हेडेड गूस भी कहा जाता है हिमालय को पार कर बस्तर पहुंचा है.

छत्तीसगढ़ में विदेशी मेहमानों का आगमन हुआ शुरू, 4 महीने 2 हजार प्रजाति के पक्षियों का रहेगा डेरा …

READ MORE