नई दिल्ली . हौजखास इलाके में शनिवार को सड़क हादसे में जान गंवाने वाले फोटोग्राफर पीयूष पाल की मौत के मामले में परिजनों ने पुलिस की कहानी पर संदेह जताया है.
परिजनों का आरोप है कि वीडियो में दिखाई दे रहा है कि दोनों बाइक रफ्तार में थी. ऐसे में पुलिस का बयान एकतरफा लग रहा है. पीयूष के दोस्तों का कहना है वह पुलिस से दोबारा जांच और कार्रवाई की मांग करेंगे. गुरुवार को पीयूष के परिजन हरिद्वार गए थे, जबकि उसके घर पर दोस्तों का जमावड़ा लगा था.
दोस्तों का कहना है कि पुलिस ने एफआईआर में जो कहानी बताई है वह संदेह वाली है. वीडियो में दोनों बाइक रफ्तार में दिखाई दे रही हैं. ऐसे में हादसे के लिए पुलिस ने पीयूष को ही दोषी बना दिया. परिजनों का कहना है कि हादसा होने के बाद अगर पीयूष की गलती होती तो वह 40 फीट तक बाइक कैसे चला लेता.
पीयूष के परिजनों ने बताया कि उसे एक बड़े निदेशक के साथ काम करने के लिए बड़ा असाइनमेंट मिला था. उसने पूरी तैयारी कर ली थी और वह जल्द ही दिल्ली से बाहर जाने वाला था. सब उसके नए असाइनमेंट को लेकर खुश थे.
राहगीर ने एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था
रैपिडो बाइक चालक और पीयूष को अस्पताल पहुंचाने वाले राहुल ने बताया कि जब वह हौजखास से गुजर रहे थे तो सड़क पर भीड़ लगी थी. दो लोग घायल पड़े थे, लेकिन कोई भी उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं था. दोनों का खून निकल रहा था और सड़क खून से लाल हो गई थी. लोगों को वीडियो बनाते देख उसने पीयू्ष को उठाया, क्योंकि उसे ज्यादा चोट लगी थी. उसने ऑटो से उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया.