नई दिल्ली. दिल्ली में डेंगू के मामले भी लगातार बढ़ रहे है. मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पतालों में भर्ती होने वालों का आंकड़ा भी बढ़ा है. नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज द्वारा जारी किए गए आंकड़े की मानें तो डेंगू के मामलों ने पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल 2023 के मामले पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा थे. नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में अभी तक डेंगू के 5 हजार से भी ज्यादा मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है.
अब यह संख्या बढ़कर 5500 के करीब पहुंच चुकी है. बता दें कि दिल्ली में अगस्त तक डेंगू की स्थिति सामान्य थी. अगस्त के पहले हफ्ते में डेंगू के केवल 105 मरीजों की पुष्टि की गई थी. महीने के आखिरी तक यह मामले बढ़कर 348 तक पहुंच गए थे. सितंबर के पहले सप्ताह में मरीजों का आंकड़ा 2142 तक पहुंच गया था.
डेंगू फीवर के होते हैं तीन स्टेज
विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार भी कुछ मरीजों को डेंगू का हेमरेजिक फीवर हो रहा है. प्लेटलेट्स गिर रही हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि ब्लीडिंग नहीं हो रही है. बॉडी में फ्लूड जमा नहीं हो रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू फीवर के तीन स्टेज होते हैं.
नॉर्मल स्टेज
इसमें फीवर तो बहुत ज्यादा होता है, लेकिन एक हफ्ते में मरीज रिकवर हो जाता है. बीमारी के बहुत ज्यादा लक्षण नहीं होते हैं. जो होते हैं, उसके आधार पर इलाज किया जाता है.
क्रिटिकल स्टेज
इसमें प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं, लेकिन ब्लड वेसेल्स से ब्लड लीक होने की वजह से हीमोग्लोबिन बढ़ने लगता है. इस स्टेज को हेमरेजिक फीवर कहा जाता है. आमतौर पर फीवर कम हो जाता है, लेकिन जब मरीज का फ्लूड यानी पानी निकलने लगता है तो इसकी वजह से ब्लड प्रेशर कम होने लगता है और मरीज शॉक में चला जाता है. इसलिए इसे शॉक सिंड्रोम कहा जाता है. हालांकि अभी इसकी स्थिति नहीं है.
रिकवरी स्टेज
रिकवरी स्टेज में लीक हुआ पानी फिर से ब्लड वेसेल्स में आ जाता है, लेकिन जो हार्ट या किडनी के मरीज हैं, उनके ब्लड वेसेल्स में अचानक फ्लूड की मात्रा बढ़ने से हार्ट पर प्रेशर होने लगता है, जिसकी वजह से उन्हें रिकवरी स्टेज में भी दिक्कत होती है. ऐसे मरीजों की रिवकरी फेज में भी ज्यादा केयर की जरूरत होती है.