पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। इस चुनाव में कई महत्वपूर्ण स्थानीय मुद्दे नदारद है .कांग्रेस अपने पांच साल के किये गए कार्यों तो भाजपा केंद्र की योजनाएं गिनाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है. जिले के दो सीट में 17 प्रत्याशी मैदान में हैं. दोनों सीट पर भाजपा कांग्रेस के साथ सीधा मुकाबला है. वहीं प्रदेश को अस्तित्व में आए 24 साल और जिले को बने 12 साल होने जा रहा है. लेकिन जिले में आज भी प्रशासनिक सेटअप की कमी है. जिसकी सुविधा बहुत पहले ही कर दी जानी थी. हैरानी की बात है कि विधानसभा जैसे महत्वपूर्ण चुनाव में कोई भी प्रत्याशी इन समस्याओं को पुरा करने की बात तो दूर चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझ रहा.

स्वास्थ्य क्षेत्र में

जिला अस्पताल आज भी सीएससी के सेटअप पर संचालित है. ट्रामा, इनेस्थिसिया, बर्न, केजुवल्टी यूनिट के अलावा सोनोग्राफी और ऑपरेशन थियेटर नहीं है.स्टाफ और चिकित्सक की कमी जिले भर में बनी हुई है. सुविधाओं के अभाव के चलते जिला अस्पताल के ज्यादातर केस रायपुर के लिए रेफर किए जाते हैं.

महिला पुलिस थाना भी नहीं

जिले में एक महिला पुलिस थाना, ट्रैफिक पुलिस होना चाहिए था जो अब तक नहीं है. जिला न्यायालय तक का दर्जा नहीं मिल सका है. नारकोटिक्स, विशेष न्यायालय, कुटुंब अदालत के केस रायपुर जिले में दर्ज होते हैं. राजस्व विभाग ने नुजूल अफसर व नगर निवेश के लिए आज भी लोग रायपुर जिले पर निर्भर हैं.

जेल में कैदियों की क्षमता दोगुनी

उप जेल को जिला जेल बना दिया गया है लेकिन यहा कैदियों की संख्या क्षमता से दुगुनी है. गरियाबंद जिले बनने से पहले उपजेल की क्षमता के आधार पर भवन निर्माण हुआ है. आज भी पुराने भवन पर निर्भर हैं.

बीज उत्पादन के लिए दूसरे जिले पर निर्भर

कृषि विज्ञान केंद्र खोला गया पर प्रयोग के लिए स्थान की कमी है.प्रमाणिक बीज उत्पादन के लिए आज भी हमारी निर्भरता दूसरे जिले पर है.जिले में बीज उत्पादन के लिए बड़ा फार्म होना चाहिए ,जिले के देवभोग क्षेत्र में मिलने वाले मूंग व अन्य दलहन की मांग बड़े इंडस्ट्रीज में है,लेकिन प्रमाणीक बीज उत्पादन सेंटर के अभाव किस्म लगातार विलुप्त होते जा रहे हैं.

सुपेबेड़ा भी नदारद मुद्दे में

भाजपा के 15 साल और कांग्रेस के 5 साल के कार्यकाल में सुपेबेड़ा की समस्या यथावत बनीं हुई है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया पर डॉक्टर नहीं है. क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के नाम पर केवल नहरों का जाल बिछाया गया. पानी जाने के लिए बनाई गई करोड़ो की स्कीम फैलवार साबित हो रहे,सिंचाई के अभाव में इलाके के किसानो को अक्सर सूखे की मार झेलना पड़ता है.

जिले के दो सीटों में 17 प्रत्याशी मैदान में

नाम वापसी के बाद गरियाबंद जिले के दो सीटों की अब तस्वीर साफ हो गई है. राजिम में कांग्रेस के अमितेश शुक्ल का मुकाबला भाजपा के रोहित साहू के साथ होगा. इस सीट में आप ने किसान नेता तेज राम विद्रोही को अपना प्रत्याशी बनाया है. जोगी कांग्रेस भूनेश्वर निषाद को प्रत्याशी बनाया है. बसपा, गोगपा, सीपीएम, लोकपा समेत 9 राजनीतिक दल और 2 निर्दलीय मैदान में है.

बिंद्रानवागढ़ में 6 प्रत्याशी

भाजपा से बगावत कर आप से अधिकृत प्रत्याशी बने भागीरथी मांझी के नाम वापसी के बाद अब मुकाबला भाजपा के गोवर्धन मांझी और कांग्रेस के जनक ध्रुव के बीच होगा. इस सीट में भारतीय शक्ति चेतना पार्टी से जीवन लाल ध्रुव, गोंगपा से टीकम नागवंशी, कम्युनिस्ट पार्टी से युवराज नेताम और निर्दलीय के रूप में कोकड़ी के पूर्व जनपद सदस्य उत्तम मरकाम मैदान में है.