शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही चुनावी रण में उम्मीदवारों की फौज कूद पड़ी। जनता को लुभाने और वोट बैंक साधने रोड शो के साथ जनसभाएं भी आयोजित हो रही है जिसमें राजनीतिक दल पानी की तरह पैसा बहा रही हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लोगों को लुभाने के लिए चांदी के सामानों से लेकर शराब की बोतलें घर-घर पहुंचाई जा रही थी। वोटों की खरीद फरोख्त रोकने के लिए चुनाव आयोग एक्शन मोड में नजर आ रहा है। चुनाव आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। 

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चुनाव आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (कलेक्टर) को विधानसभा वार प्रत्याशियों के पैसों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की जानकारी रखने के लिए अधिकारियों को कहा गया है। उनके व्यय रजिस्टर और उनसे संबंधित दस्तावेजों की भी पड़ताल करने का निर्देश दिया गया है और हर दिन इसकी रिपोर्ट देने की बात कही है। 

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बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अब कुछ हफ्ते ही दूर हैं। कल गुरुवार (2 नवंबर) को नाम वापसी का आखिरी दिन था। इस दौरान 350 से अधिक प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं अब 2500 से अधिक चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। अब 17 नवंबर का दिन इनके लिए काफी अहम होगा जिसके बाद 3 दिसंबर को सभी के भाग्य का फैसला हो जाएगा।

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