प्रतीक चौहान. रायपुर. दिल्ली से लल्लूराम डॉट कॉम के पास एक खुफिया जानकारी पहुंची है. ये जानकारी RPF से जुड़ी हुई है और RPF के सीनियर डीएससी के तुगलकी फरमाम की पोल खोलती है. लेकिन इस बीच यदि कोई बड़ी आतंकी घटना होती तो संभव है कि आरपीएफ को काफी ज्यादा नुकसान होता.
कश्मीर घाटी में तैनात RPF के एक सूत्र ने लल्लूराम डॉट कॉम को जानकारी देते हुए बताया है कि श्री नगर के सीनियर डीएससी विनोद कुमार ने कश्मीर घाटी में तैनात बल सदस्यों की जिंदगी के साथ पिछले दिनों खिलवाड़ किया. 20 अक्टूबर 2023 को कंट्रोल के माध्यम से ऑर्डर दिया गया कि शाम 5 बजे तक 10 वर्ष पुराने राउंड्स लाकर डीक्यूएम/बड़गाम में जमा कराए जाए.
सीनियर डीएससी के इस आदेश का पालन करने के लिए पूरी कश्मीर घाटी में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में वहां की करीब 12 से 14 पोस्ट से राउंड्स एकत्र होने शुरू हुए और करीब 21 हजार से ज्यादा राउंड्स जमा हुए और उन्हें दिल्ली के दया बस्ती में जमा करा कर नए इश्यू कराने कहा गया था.
रात तक कश्मीर घाटी से पहुंचते रहे राउंड्स
सूत्र बताते है कि सीनियर डीएससी के फरमान के बाद कश्मीर घाटी के सभी पोस्ट से देर रात तक राउंड्स एकत्र होते रहे और आरपीएफ के अधिकारी-कर्मचारी अपने प्राइवेट वाहन से राउंड्स को जमा कराने पहुंचे. सूत्र का दावा है कि आरपीएफ के सीनियर डीएससी ने न तो अपने आईजी, डीआईजी और न ही लोकल पुलिस को ऐसे किसी भी मूवमेंट की जानकारी दी और न इसकी अनुमति ली.
दया बस्ती पहुंचे आरपीएफ अधिकारी और वापस लौटे
आरपीएफ की टीम कश्मीर से दिल्ली के दया बस्ती पहुंची. जहां से नए राउंड्स लेने का आदेश उन्हें कश्मीर घाटी के सीनियर डीएससी विनोद कुमार ने दिया था. लेकिन यहां पहुंचने के बाद कश्मीर से आई टीम ने अपने 4-5 दिन खराब किए और यहां आने के बाद पता चला कि राउंड्स को बदलने का कोई भी आदेश उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है. दया बस्ती नई दिल्ली में मौजूद अधिकारी ने कश्मीर से आई टीम से स्पष्ट कहा कि वे बिना आईजी के आदेश के न राउंड्स जमा करेंगे और न उन्हें नया ईश्यू करेंगे.
इसके बाद आईजी के मौखिक आदेश के आधार पर टीम वापस कश्मीर पहुंची और फिर राउंड्स जैसे-जैसे जमा किए गए थे वैसे उन्हें वापस दिए गए.
… तो कौन होता जिम्मेदार
यदि इस बीच इस क्षेत्र में आतंकियों के पास ये जानकारी लीक हो गई होती कि यहां आरपीएफ के पास राउंड्स नहीं है और कोई भी अप्रिय घटना घटित होती तो इसका जिम्मेदार कौन होता ?
इस मामले में जम्मू-कश्मीर वैली के सीनियर डीएससी विनोद कुमार से उनका पक्ष लेने उन्हें फोन किया गया. तो उनका कहना था कि ये बेहद सेंसेटिव इश्यू है, वे इस मामले में अपना कोई भी पक्ष नहीं रखेंगे.
लल्लूराम डॉट कॉम के पास वो मूमेंट ऑर्डर मौजूद है जो कश्मीर वैली के एएससी ने राउंड्स को दिल्ली लेजाने के लिए 20 अक्टूबर 2023 को जारी किया था.