प्रतीक चौहान. रायपुर. जम्मू-कश्मीर में बिना उच्च अधिकारियों के आदेश के 10 वर्ष पुराने राउंड्स को दिल्ली भेजने की गंभीर लापरवाही के मामले में अब तक RPF IG ने किसी भी प्रकार के जांच के आदेश नहीं दिए है. जबकि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में कुछ वर्ष पहले ही आरपीएफ के दो जवान शहीद हुए थे.
दरअसल जम्मू-कश्मीर वैली के सीनियर डीएससी विनोद कुमार ने कंट्रोल के माध्यम से पिछले दिनों आदेश दिया था कि 10 वर्ष पुराने सभी राउंड्स दिल्ली एकत्र कर ले जाना है. लेकिन उच्च अधिकारियों से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई थी. आनन-फानन में आरपीएफ के 12 से 14 आरपीएफ पोस्ट के राउंड्स (करीब 21 हजार) एकत्र कर 7 लोगों की टीम दिल्ली गई. लेकिन वहां जाने के बाद पता चला कि इन्हें बदलने का कोई भी आदेश उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है. जिसके बाद टीम वापस जम्मू-कश्मीर लौट गई.
बल सदस्यों की जान डाली जोखिम में, टीए-डीए का भी नुकसान
ये मामला गंभीर इसलिए हैं, क्योंकि यदि इस दौरान कोई गंभीर हादसा होता तो आरपीएफ को काफी नुकसान हो सकता था. क्योंकि उनके पास हथियार तो थे लेकिन राउंड्स इतनी संख्या में नहीं थी जितनी संख्या में होनी चाहिए थी. इसके अलावा रेलवे को इनके जम्मू-कश्मीर से दिल्ली जाने आने और स्टॉफ के टीए-डीए का भी नुकसान हुआ. लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस मामले में आरपीएफ ने संज्ञान लेकर मामले के जांच के आदेश भी नहीं दिए है.
दो जवान हो चुके है शहीद
जानकारी के मुताबिक दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के काकापोरा इलाके में वर्ष 2022 में हुई एक आतंकी घटना में आरपीएफ के 2 जवान शहीद हो चुके है.