शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां जननी एक्सप्रेस समय पर नहीं आने से एक महिला ने घर पर ही नवजात को जन्म दिया। नवजात को अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मामला जिले के गैलडुब्बा का बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, गैलडुब्बा निवासी श्याम कुमारी पति ब्रजलाल उईके को प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की जननी एक्सप्रेस सेवा पर फोन किया। लेकिन काफी देर तक इंतजार के बाद भी जननी एक्सप्रेस नहीं पहुंची। स्थिति बिगड़ने की वजह से घर पर ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही नवजात की मौत हो गई।
अगर समय रहते महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तामिया लाया गया होता तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन 108 वाहन नहीं मिलने से एक एक नवजात की जान नहीं बच पाई। बताया जाता है कि गैलडुब्बा में न तो डॉक्टर हैं और न ही उचित स्वास्थ्य व्यवस्था। फिर भी सरकार आदिवासी अंचलों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पहली बार ये कोई लापरवाही नहीं हुई है। इसके पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं।
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