रोहित कश्यप, मुंगेली. एक ओर तो शिक्षा विभाग गुणवत्ता में सुधार को लेकर तरह-तरह के दावे कर रही है, तो वही दूसरी ओर मुंगेली जिले में लाखों रुपये की लागत से निर्मित स्कूल भवन जर्जर हो चुकी है. आलम ये है 5 साल बीत जाने के बाद भी इसका लाभ स्कूली बच्चों को नहीं मिल सका. निर्माण होने के बाद से ताला लटका हुआ है. स्थिति ये है कि भवन की कमी से जूझते यहां के स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. लेकिन इस ओर कोई भी अधिकारी सुध लेने वाला नहीं है. बल्कि अब स्कूल भवन शिकारी परिवार का रैन बसेरा बना हुआ है.

शासकीय राशि का किस तरह से दुरूपयोग किया गया इसकी बानगी मुंगेली जिले में देखने को मिली है. जहां धरमपुरा प्राथमिक व मीडिल स्कूल में बच्चों की पढ़ने की व्यवस्था को देखते हुए यहां अतिरिक्त भवन की स्वीकृति दी गई थी. लेकिन पंचायत के प्रतिनिधि व शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते इस अतिरिक्त भवन को स्कूल से करीब 2 किमी की दूरी पर बना दिया गया. जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. और भवन जर्जर हो गया.

करीब 5 साल पहले इस भवन का निर्माण लाखों रुपये खर्च करके बनवाया गया था. जिससे यहां पढ़ने वाले बच्चो को दिक्कत न हो सके लेकिन इसके बावजूद बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पुराना भवन पहले से ही जर्जर हो गया है. अब तो नया भवन भी जर्जर की कगार पर है. पंचायत ने इसका उपयोग करने के लिए बच्चों को नहीं बल्कि गांव में बंदर न घुस सके इसके लिए एख शिकारी परिवार को दे रखा है.

सरपंच का कहना है कि यह स्कूल भवन जर्जर हो चुका है यहां बच्चों के बैठने तक के लिए व्यवस्था नहीं है. उन्होंने इस मामले में अधिकारियों के अलावा स्थानीय विधायक को भी अवगत कराया गया है. वहीं स्कूल के शिक्षक का कहना है कि अतिरिक्त भवन 2 किमी दूरी पर है तो वहां ले जाना उचित नहीं है. साथ ही गांव में बंदर न घुस सके इसकी देख रेख करने वाले शिकारी का कहना है कि पंचायत उन्हें रहने के लिए बोली है इसलिए वो अपने परिवार साथ रह रहे है जब बोलेंगे तो वो खाली कर देंगे.

इस संबंध में पहले न तो शिक्षा विभाग ने सोचा न तो पंचायत और अधिकारियों ने इस बारे में कोई राय मसवरा किया. और अब तो स्कूल का निर्माण 2 किलो मीटर दूर बना दिया गया है. जिसका उपयोग नहीं होने पर वह जर्जर हो चुका है. अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में अब क्या कोई कार्रवाई होगी या नहीं. या फिर बच्चे ऐसे ही जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर रहेंगे.