उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में पांच दिवसीय दिवाली मनाएगी जाएगी। महाकाल मंदिर में धनतेरस से पूजन की शुरुआत कर धूमधाम से दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। पूरे मंदिर परिसर और शिखर को आकर्षक विद्युत रोशनी से सजाया जाएगा। इसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।
विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दीप पर्व का आरंभ 10 अक्टूबर को धनत्रयोदशी से होगा। धनतेरस के दिन पुरोहित समिति की ओर से विशेष पूजा होगी। धनतेरस से चार दिवसीय दीप पर्व का आगाज होगा।
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इस दिन पुरोहित समिति द्वारा देश में सुख, समृद्धि व अरोग्याता की कामना से भगवान महाकाल का अभिषेक-पूजन किया जाएगा। पुरोहित समिति के अध्यक्ष पं. महेश गुरु ने बताया कि भगवान को सुख-समृद्धि के लिए चांदी का सिक्का अर्पित कर पूजा-अर्चना की जाएगी।
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11 नवंबर को रूप चतुर्दशी पर पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को केसर चंदन का उबटन लगाएंगी। पुजारी भगवान को गर्म जल से स्नान कराएंगे। कर्पूर से आरती होगी। स्नान के बाद भगवान महाकाल को नए वस्त्र, सोने चांदी के आभूषण अर्पित आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद अन्नकूट भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी।
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12 नवंबर को दीपावली पर तड़के चार बजे भस्मारती से रात 10.30 बजे शयन आरती तक नियमित पांच आरतियों में फुलझड़ी चलाई जाएगी। बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
13 नंवबर (गोवर्धन पूजा) कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर मंदिर के मुख्य द्वार पर पुजारी परिवार की महिलाएं गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा-अर्चना करेगी। इसके बाद चिंतामन स्थित मंदिर की गोशाला में गोवंश की पूजा-अर्चना की जाएगी।
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