लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर सख्त नाराजगी जताई थी. योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में एक के बाद एक लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला जारी है. राजस्व आयुक्त ने मंगलवार को जौनपुर में दस वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों में संतोषजनक कार्य न होने एवं कार्य में शिथिलता के साथ लापरवाही पर एक दर्जन अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है. इसके साथ ही सभी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है.
इसी तरह सोनभद्र में चकबंदी कार्य के पर्यवेक्षण में लापरवाही पर अपर जिलाधिकारी, उप संचालक चकबन्दी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है. चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप चकबंदी के लंबित मामलों के निस्तारण में युद्धस्तर पर कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार को वाराणसी में विन्ध्याचल मंडल और वाराणसी मंडल के चकबन्दी कार्यों की समीक्षा ग्रामवार की गई.
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बैठक में दस वर्ष से अधिक समय से लंबित वादों के निस्तारण में लापरवाही पर मीरजापुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी नरेन्द्र सिंह, धनराज यादव, चकबंदी अधिकारी गजाधर सिंह, जौनपुर के उप संचालक चकबंदी सोमनाथ मिश्र, बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी विनोद कुमार वर्मा, चकबंदी अधिकारी फरहत अहमद खां, श्यामधनी पाल, रामजी शुक्ल, विजयशंकर सिंह, सत्य प्रकाश चौबे, संजीव कुमार तथा वाराणसी के चकबंदी अधिकारी मनोज कुमार सिंह का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है. सोनभद्र में सुभाष चन्द्र यादव, अपर जिलाधिकारी/उप संचालक चकबन्दी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है.
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