अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब दीयों को राम की पैड़ी के घाटों पर पहुंचा दिया गया है. 11 नवंबर को देर शाम दीपों को प्रज्जवलित किया जाएगा. उधर, दीपों की गणना करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड की टीम अयोध्या पहुंच गई.

गणना टीम के प्रमुख निश्चल बरोट टीम के साथ अब दीपोत्सव तक अयोध्या में ही रहेंगे. मंगलवार को उन्होंने राम की पैड़ी के घाटों पर भ्रमण कर तैयारियां भी देखीं. उन्हीं के नेतृत्व में दीपों की गणना होती है और रिकॉर्ड के लिए गिनीज बुक को भेजा जाता है. अयोध्या में इस बार सातवां दीपोत्सव होने जा रहा है. छह बार यहां का आयोजन विश्व रिकॉर्ड बना चुका है.

डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने प्रभु श्रीराम के चित्र के समक्ष पांच दीए जलाकर दीपोत्सव के कामयाबी की कामना की. उन्होंने बताया कि दीपोत्सव में नया विश्व रिकार्ड बनाने के लिए आवासीय परिसर, महाविद्यालय, इण्टर कालेज व स्वयंसेवी संस्थाओं के 25 हजार से अधिक स्वयंसेवक लगाए गए हैं. इनकी मदद से 51 घाटों पर 24 लाख दीए प्रज्जवलित किए जाएंगे.

कुलपति के साथ दीपोत्सव की सफलता के लिए नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र, कुलसचिव डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, वित्त अधिकारी पूर्णेंन्दु शुक्ल, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, प्रो. सिद्धार्थ शुक्ल व मीडिया प्रभारी डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने भी कामना की. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय परिसर से सुबह 10 बजे यातायात समिति के संयोजक प्रो. अनूप कुमार व डॉ. सुरेन्द्र मिश्र की देखरेख में बसों से स्वयंसेवकों के एक जत्थे को राम की पैड़ी के लिए रवाना किया गया.

करीब एक हजार स्वयंसेवक व विश्वविद्यालय कर्मियों ने पांच-पांच सौ दीए के गत्तों को घाटों पर रखवाना शुरू किया. वितरण व सामग्री समिति के संयोजक प्रो. सिद्धार्थ शुक्ल व प्रो. गंगाराम मिश्र की निगरानी में देर रात तक 51 घाटों पर 24 लाख दीयों को पहुंचाने का काम पूरा हो गया.

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नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि बुधवार सुबह से 24 लाख दीयों को मार्किंग स्थलों पर बिछाने का कार्य शुरू हो गया है. यह काम नौ नवंबर तक चलेगा. 10 को दीपों की गणना होगी. 11 नवंबर को स्वयंसेवक तेल डालने व बाती लगाने के साथ दीप प्रज्जवलन करेंगे.