गरियाबंद. परेवापाली के 426 मतदाताओं ने सड़क और पुल की मांग को लेकर 14 दिन पहले चुनाव बहिष्कार का एलान किया था. उन्हें मनाने न तो कोई प्रत्याशी पहुंचा ना ही प्रशासन. जिसके बाद कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने मौके पर पहुंचकर मताधिकार के प्रति ग्रमीणों को जागरूक किया तो वो मान गए. साथ ही नेताओं के प्रवेश निषेध लिखे बैनर को भी ग्रमीणों ने हटा दिया है.

निष्टीगुड़ा पंचायत के आश्रित ग्राम परेवापाली के 426 मतदाताओं ने दूसरी बार चुनाव बहिष्कार का एलान कर गांव के बाहर नेताओं का प्रवेश निषेध का बैनर लगा दिया था. यह एलान 14 दिन पहले किया गया था. इस बीच किसी भी प्रत्याशी ने गांव तक पहुंच मतदाताओं को मनाने का साहस नहीं किया. न ही प्रशासन ने इन्हें मनाना जरूरी समझा था. इस बीच मामले की जानकारी हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर विनोद तिवारी को लगी. वे ग्रामीणों के बीच पहुंचे और उन्हें मतदान के प्रति जागरुक किया. उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि मांग और मतदान दोनों अलग विषय है. लोकतंत्र में मतदान का अपना महत्व होता है, ऐसे में लोकतंत्र के महापर्व से अपने आप को दूर रखना ठीक नहीं. उन्होंने ग्रामीणों की मांगो को जायज ठहराया, और मतदान की ताकत से अवगत कराया.

तिवारी ने यह भी कहा की मत किसे देना है इसका फैसला मतदाता ही करे. अपना मत देकर उन्हें जवाब दें जिन्होंने ने काम नहीं किया. तिवारी के समझाइश के बाद ग्रामीण मतदान करने के लिए राजी हुए. तिवारी ने भरोसा दिलाया है की चुनाव के बाद उनकी मांगों को पूर्ण करवाने में ग्रामीणों का पूरा सहयोग करेंगे. उन्होंने गांव में लगे सभी बैनर पोस्टर हटा दिया. ग्रामीण विद्या पात्र, निमाई चरण अवस्थी ने बहिस्कार के फैसले को वापस लेने की बात कही है.

बहिष्कार के बाद भी पूरी नही हुई थी मांगें

परेवापाली गांव को जोड़ने वाली एक भी पक्की सड़क नहीं है. गांव तक नहर तो पहुंचा है पर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलता. नाले के पानी से होकर पंचायत मुख्यालय तक जाना होता था. राशन के लिए भी पानी भरे रास्ते से होकर जाना होता था. गांव के स्कूल और आंगनबाड़ी भवन भी जर्जर हो चुके हैं. मांगो को लेकर 2018 का विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था. 5 साल बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस थी. यही वजह है कि दोबारा इन ग्रामीणों को आश्वासन दिलाने न तो प्रत्याशी जा सके न प्रशासन ने जाने की हिम्मत जुटाई.

मामले में एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा कि सड़क का प्रपोजल भेजा गया है, स्कूल मरम्मत की मंजूरी मिल चुकी है. राशन के लिए गांव के भवन में वैकल्पिक व्यवस्था कर लिया गया था. प्रशासन की टीम कई दौर गांव जाकर ग्रामीणों को उनके मांगो पर हो रही कार्रवाई से अवगत कराती रही है. गांव में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

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