पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पेश आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 ध्वनिमत से सर्वसम्मति से पारित हुआ. विधेयक में पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 65% आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा EWS का 10% आरक्षण अलग रहेगा. वर्तमान में बिहार में 50% आरक्षण का प्रावधान है.
जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में 65% आरक्षण करने का ऐलान किया था. इस कड़ी में उन्होंने आज विधानसभा सत्र के दौरान आरक्षण संशोधन विधेयक पेश किया. इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 25%, पिछड़ा वर्ग के लिए 18%, अनुसूचित जाति के लिए 20%, अनुसूचित जनजाति के लिए 2% का प्रस्ताव है.
विधानसभा में विधेयक पेश करने से पहले बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को जाति आधारित आरक्षण अब 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अब तक पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग को 30 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है, नए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के साथ 43 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा.
इसी तरह पहले अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण था, अब 20 प्रतिशत मिलेगा. अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए एक प्रतिशत आरक्षण था, अब दो प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य गरीब वर्ग (EWS) का 10 फीसदी आरक्षण मिलाकर इसको 75 फीसदी करने का प्रस्ताव है.