नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार अबकी बार अपने बेटे की वजह से अखबारों की सुर्खियों में हैं. NHAI के द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण पर आई रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क परियोजना के लिए बामनोली गांव में खरीदी गई जमीन के मुआवजे के तौर पर 353 करोड़ रुपये दिए. जिसकी कीमत 2018 में 41 करोड़ थी. जिस कंपनी को मुआवजा मिला था, उससे दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे का कनेक्शन सामने आया है.
बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव के बेटे करण चौहान अनंतराज लिमिटेड के कर्मचारी हैं, इसके अलावा वह तीन अन्य कंपनियों में निदेशक हैं, जिनमें से कुछ का संबंध अनंतराज से है. अनंतराज लिमिटेड समूह के प्रवक्ता ने बतया कि करण हमारी कंपनी के किसी भी अन्य कर्मचारी की तरह 01 जून 2019 से हमारे कर्मचारी हैं, और डेटा केंद्रों के विकास के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. हम नीति और कानूनी आवश्यकताओं के अनुसार कुछ कर्मचारियों को निदेशक के रूप में नियुक्त करते हैं, लेकिन केवल नियोक्ता-कर्मचारी रिश्ते के लिए कनेक्शन का जाल असामान्य है.
बेटे के बिजेनस के बारे में नहीं पता
इधर नरेश कुमार के दिल्ली के मुख्य सचिव बनने के 40 दिन बाद हेमंत कुमार साउथ दिल्ली के डीएम बने थे. हालांकि नरेश कुमार ने कहा है कि बेटा उनका डिपेंडेंट नहीं है, और बेटे के बिजनेस के बारे उन्हें पता नहीं. बता दे कि नरेश कुमार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोपों की जांच कर रहे हैं. ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं.