देहरादून. प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर विपक्षी दल के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. पार्टी का कहना है कि प्रदेश सरकार निम्न स्तर की राजनीति पर उतर आई है, इसीलिए कभी विपक्षी दल के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को साम-दाम-दंड-भेद की नीति से पदच्युत कर रही है तो कभी उनके निर्वाचित क्षेत्रों में विकास की योजनाओं पर रोक लगाया जा रहा है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि किसी भी प्रदेश की चुनी हुई सरकार और उसके मुखिया के लिए सभी क्षेत्र एक समान होने चाहिए. उत्तराखंड में विकास योजनाओं की स्वीकृति जारी करने से पहले सरकार देख रही है कि संबंधित जनप्रतिनिधि किस पार्टी का है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब विकास का पैमाना सत्ताधारी दल का जनप्रतिनिधि होना अनिवार्य माना जा रहा है.
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चुने गए जनप्रतिनिधियों को अपनी क्षेत्र की मांगों को मनवाने के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है. पिथौरागढ़ विधायक मयूख महर का धरना इसका ताजा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा सरकार की इस प्रकार की भेदभाव वाली सोच की निंदा करने के साथ मांग करती है कि सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों में समान रूप से विकास की योजनाएं स्वीकृत की जाएं. अन्यथा कांग्रेस को जनता के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.