देहरादून. समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण और हित में प्रदेश सरकार के कई विभागों से संचालित हो रहीं सभी 181 प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) सेवाएं समय पर उपलब्ध कराने के लिए इन्हें सेवा के अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा.
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी शैलेश बगौली ने सभी विभागों से इस संबंध में शीघ्र प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं. कई विभागों ने एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस संबंध में निर्देश दे चुके हैं.
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सीएम के निर्देश के बाद सचिव ने सभी विभागों की समीक्षा की. इस बैठक के जारी कार्यवृत्त के मुताबिक, प्रदेश सरकार के अपणि सरकार पोर्टल में विभिन्न विभागों की 181 सेवाएं हैं. इनमें से कई सेवाएं अपणि सरकार पोर्टल पर प्रदान की जा रही हैं, लेकिन सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत अधिसूचित नहीं हैं.
कुछ प्रमुख विभागों जिनमें आयुष विभाग में चार, चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा में 11, कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग में 30, पशुपालन विभाग में चार, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास में सात, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में तीन, वन विभाग में आठ और संस्कृत शिक्षक एक सेवा है, जो अधिनियम के तहत अधिसूचित नहीं है.