रायपुर। पांच दिन के दीपावली महापर्व में चौथे दिन गोवर्धन की पूजा अर्चना की जाती है. हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है. इस तिथि को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है. गोवर्धन पूजन के दिन घरों में गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई जाती है और पूरे परिवार के साथ शुभ मुहूर्त में पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने देवराज इंद्र का घमंड चूर किया था और अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी. गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है. लेकिन इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर दिन सोमवार से दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से हो रही है और तिथि का समापन 14 नवंबर दिन मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट पर हुआ. ऐसे में उदया तिथि को मानते हुए गोवर्धन पूजन 14 नवंबर यानी आज मनाया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ में भी आज धूमधाम से गोवर्धन पूजा की जा रही है. राजधानी रायपुर में पहली बार बड़े स्तर पर गोवर्धन पूजा की गई. इस्कॉन बेंगलोर का ब्रांच हरे कृष्ण मूवमेंट ने VIP स्टेट गार्डन में गोवर्धन पूजा का आयोजन किया था. गोवर्धन पूजा में भगवान श्री कृष्ण को 108 प्रकार का भोग लगाया गया. 70 पाउंड केक और 38 किलो सूजी से गोवर्धन पर्वत बनाया गया था. वहीं, कार्यक्रम में रायपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज शर्मा समेत शहर के 500 से अधिक लोग शामिल हुए.

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