नई दिल्ली. आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए बुरी खबर आई है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की सहायता राशि रद्द कर दी है. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. अमेरिका के इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की पहले से खराब साख को बट्टा लगना तय है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर पाकिस्तान को इस बाबत पहले ही चेतावनी दे चुके थे.

इस फैसले पर अमेरिकी प्रशासन की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान आतंकियों को सुरक्षित जगह दे रहा है. ये आतंकी पिछले 17 साल से पड़ोसी अफगानिस्तान में आतंक फैला रहे हैं. इसके अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान को कड़ी हिदायत भी दी. अमेरिकी की ओर से कहा गया कि अगर पाकिस्तान अपने बर्ताव में बदलाव लाता है तो उसे यह मदद दोबारा दिए जाने पर विचार किया जा सकता है.

बता दें कि पाकिस्तान कुछ समय से आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है. नए प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान को इस आर्थिक संकट से उबारने की है. इमरान खान सरकारी खर्चों में कटौती इस उस कदम भी उठाए हैं. पाकिस्तान के ऊपर पहले से दुनिया भर की तमाम संस्थाओं का कर्जा है, उसे अब और कर्जा मुश्किल हैं. ऐसे में अमेरिका की ओर से मदद रोक जाने का एलान पाकिस्तान के नासूर पर नमक जैसा है.

अमेरिका के इस कदम से पाकिस्तान की नई सरकार और प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ेंगी. इमरान ख़ान ने पिछले महीने ही पाकिस्तान की कमान संभाली है और आर्थिक मोर्चे पर उन्हें जूझना पड़ रहा है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है. मई 2017 में जहां पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.4 अरब डॉलर था, वहीं अब ये 10 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया है. विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के कारण चालू खाता घाटा का संकट और गहरा गया है.