काहिरा। फिलिस्तीनी से शादी के बाद 26 वर्षों से गाजा में रह रही कश्मीरी भारतीय महिला लुबना नज़ीर शाबू भारतीय मिशनों की मदद से अपने बेटी के साथ सुरक्षित मिस्र पहुंच गई. लुबना ने काहिरा के साथ रामल्ला, तेल अवीव के भारतीय मिशनों को धन्यवाद दिया है.

लुबना ने अपनी भारतीय राष्ट्रीयता का हवाला देते हुए क्षेत्र में भारतीय मिशनों से तत्काल निकासी की मांग की थी. उसने कहा था कि युद्धग्रस्त हमास शासित गाजा अब उनके और उनके परिवार के लिए सुरक्षित नहीं है. इसके बाद भारतीय मिशन सक्रिय हुआ, और सुरक्षित बाहर निकलने की कवायद शुरू हुआ.

रामाल्ला, तेल अवीव और काहिरा स्थित भारतीय मिशनों की मदद से सोमवार शाम लुबना और उनकी बेटी करीमा गाजा पट्टी से राफा सीमा पार मिस्र पहुंच गई. मिस्र में मां-बेटी का भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने स्वागत किया. इस दौरान लुबना ने सुरक्षित निकालने के लिए काहिरा के साथ रामल्ला, तेल अवीव स्थित भारतीय मिशनों को धन्यवाद दिया.

लुबना की मुलाकात 1990 के दशक में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ाई के दौरान फिलिस्तीनी नेडाल टोमन से मुलाकात हुई थी, और दोनों ने जल्द ही शादी कर ली. 1997 में दोनों गाजा चले गए थे. दंपति के तीन बच्चे हैं. उनकी बड़ी बेटी डॉक्टर है, जिसके साथ लुबना गाजा में फंसी हुई थी, उनके छोटे बच्चे मिस्र में पढ़ रहे हैं.