रायपुर. छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का ये नारा अब देश में ही नहीं विदेशों में भी गूंज रहा है. प्रदेश के युवा सात समुंदर पार नार्थ अमेरिका में छत्तीसगढ़ एसोसिएशन यानी नाचा का गठन कर विदेशों में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का जलवा बिखेर रहे हैं. जिस मैग्जीन का विमोचन आज कवि डॉ सुरेंद्र दुबे ने रायपुर में किया है.
ये संगठन पंथी, सुआ, राउत, ददरिया नृत्य हो या खोखो, पिठूल, डंडा-पिचरंगा जैसे खेल खेलकर विदेशी नागरिकों को छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं से रूबरू करा रहे हैं. सात समुंदर पार विदेशी धरती पर जहां अपने प्रदेश की लोक संस्कृति का जलवा बिखेर रहे हैं. अमेरिका में भी छोटा छत्तीसगढ़ बना कर रखा है. वहीं दूसरी ओर जरूरतमंदों की मदद करने का नेक काम भी कर रहे हैं. संस्था न सिर्फ परेशानी में पड़े भारतीयों की मदद करती है, बल्कि भारत से यहां आकर पढ़ाई और कारोबार की इच्छा रखने वालों की काउंसिलिंग भी करती है.
लल्लूराम डॉट कॉम से हुई बातचीत में कवि डॉ सुरेंद्र दुबे ने कहा कि उन्हें इस मैग्जीन का विमोचन करने के लिए शिकागो अमंत्रित किया गया था, लेकिन समय नहीं होने की वजह से वो वहां नहीं पहुंच सके. जिसके बाद उन्होंने रायपुर में इसका विमोचन किया है. उन्होंने बताया कि अमेरिका छत्तीसगढ़ के करीब 500 लोग रहते है. जो कि इस नाचा में शामिल है.
आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के नाचा पर्व को छत्तीसढ़ के लोग ज्यादा मनाते है. छत्तीसगढ़ की इस संस्था के कल्चर को लोगों ने अमेरिका में भी जीवित रखा गया है. हमारे इस संस्कृति को अमेरिका संजो कर रखा है. उन्होंने ये भी कहा कि इस पुस्तक में मुख्यमंत्री रमन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी समेत कई लोगों को विचार भी लिखा गया है.