मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। दीवाली के बाद सबसे धीमी रफ्तार से शहर का AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) सुधर रहा है। भोपाल में दिवाली के दिन एक्यूआई 353 रहा था, वो घटकर अभी 322 हो गया है।

भोपाल शहर में विंड वैलोसिटी यानी विंड प्रेशर काफी कम है, वहीं ओवर कास्ट कंडीशन के कारण भी डस्ट पार्टिकल और हानिकारक गैसें वायुमंडल में ठहरी हुईं हैं। 323 एक्यूआई यानी सीवियर से पहले की स्थिति है। 400 होते ही यह AQI सीवियर में आ जाता है। कोहरा और सर्दी में इसलिए प्रदूषण बढ़ता है, ठंड के सीजन में आमतौर पर एक्यूआई बढ़ता ही है। ठंड में वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैसें एक्सपेंड नहीं हो पाती व वायुमंडल में ठहरी रहती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, गैस व धूल के कण वायुमंडल में देर तक ठहरते हैं, इससे एक्यूआई बढ़ता है। अधिक कोहरे की वजह से भी कई बार वायुमंडल में मौजूद हानिकारक गैसेस डिजॉल्व नहीं हो पातीं हैं।

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