रायपुर। हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों की हड़ताल की खबर अब छत्तीसगढ़ की सीमा से बाहर निकल कर दिल्ली तक पहुंच गई है. छात्रों के आंदोलन को जेएनयू सहित राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलने लगा है. वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर भी छात्रों के समर्थन में खुलकर आ गए हैं. थरुर के समर्थन में आने के बाद छत्तीसगढ़ की सियासी हल्कों में हड़कंप मच गया. चुनावी माहौल में छात्राओं के इस आंदोलन को कांग्रेस के बड़े नेताओँ से समर्थन मिलने की खबर ने सूबे की सरकार को भी चिंता में डाल दिया. लिहाजा सरकार ने छात्रों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कानून मंत्री को पहल करने की सलाह दी. जिसके बाद आज छात्रों के प्रतिनिधिमंडल की कानून मंत्री महेश गागड़ा से मुलाकात हुई. मंत्री ने भी छात्रों की मांग को सुनकर उन्हें अपना समर्थन दे दिया.
दरअसल पिछले पखवाड़े भर से हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्रा आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों के पिंजरा तोड़ आंदोलन की खबर जब दिल्ली पहुंची तो जेएनयू का छात्र संगठन आंदोलनकारियों के समर्थन दे दिया. जिसके बाद कांग्रेस नेता शशि थरुर न को फोन कर छात्राओं से बात की और उनकी मांगों को जायज बताते हुए अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी थी. इस पूरे मसले के बाद आज छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधिमंडल की मंत्री गागड़ा से लंबी चर्चा हुई.
इस मुलाकात में छात्रों ने अपनी 14 सूत्रीय मांगे मंत्री के सामने रखी. कानून मंत्री महेश गागड़ा ने कहा छात्रों से बातचीत में कहा कि कुछ मांगों पर सहमति बन गई है जैसे लाईब्रेरी का खुला रहना न्यायसंगत तर्क है. कुछ विषयों पर छात्राओं के पालकों से बात कर फैसले लिए जाएंगे. उम्मीद है कि इस बातचीत के बाद छात्र-छाआएं अपनी हड़ताल खत्म कर देंगें.
वहीं लॉ यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि कानून मंत्री के साथ सकारात्मक चर्चा हुई. कल वाइस चांसलर से मीटिंग के बाद अगर मांगे मान ली जाती हैं तो हड़ताल खत्म कर दी जाएगी. यदि मांगों पर सहमति नहीं बनी तो हड़ताल आगे भी जारी रहेगी. गौरतलब है कि हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं 27 अगस्त की रात से धरने पर हैं. लाइब्रेरी, हॉस्टल की टाइमिंग समेत कई मसलों पर वे लागातार प्रदर्शन कर रहें है. कुछ छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और प्रोफेसर पर यौन शोषण और छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं.
लल्लूराम डॉट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया नतीजन अब नेशनल मीडिया का भी ध्यान छात्राओं के इस मुद्दे पर गया है.