शब्बीर अहमद, भोपाल. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है. अब राजनैतिक दलों को 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम का इंतजार है. हालांकि मतदान होने के बाद भी बीजेपी-कांग्रेस की बागियों की वजह से टेंशन बढ़ा हुआ है. चुनाव में दोनों दलों को नुकसान होने की संभावना है. जिसके चलते दोनों दलों के नेता बागियों से हुए नुकसान के आंकलन में जुटे हुए हैं.
दरअसल, बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों में कई ऐसे नेता हैं, जो टिकट न मिलने पर निर्दलीय या फिर किसी तीसरी पार्टी से चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में करीब 15 सीटों बागियों ने बड़े पैमाने पर वोट काटे हैं. जिससे दोनों पार्टियों की चिंताएं बढ़ गईं हैं.
कांग्रेस और बीजेपी के टिकट नहीं मिलने से नाराज 8 पूर्व विधायकों ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा है. जिसमें कांग्रेस के बागी महू से अंतर सिंह दरबार, गोटेगांव से शेखर चौधरी, सिवनी मालवा से ओम रघुवंशी, आलोट से प्रेमचंद गुड्डू, उत्तर से आमिर अकील, नागोद से यादवेंद्र सिंह शामिल हैं.
जबकि बीजेपी के बागी अटेर से मुन्ना सिंह भदोरिया, नर्मदापुर से भगवती चौरे, सीधी से केदारनाथ शुक्ला, चाचौड़ा से ममता मीना, बंडा से सुधीर यादव, बुरहानपुर से हर्ष सिंह चौहान, भिंड से राकेश सिंह चुनाव में ताल ठोंकी है.
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गौरतलब है कि प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं. 17 नवंबर को 230 विधानसभा (MP Election 2023) सीटों पर मतदान हुआ. प्रदेश में एक फेज में वोटिंग हुई. 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आएगा. ऐसे में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 116 का जादुई आंकड़ा पार करना होगा.
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