अजय नीमा, उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन में कार्तिक माह की सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली गई। विधिवत पूजन-अर्चन के बाद राजसी ठाट-बाट के साथ पालकी में सवार होकर बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले।

सावन की पहली सवारी में बाबा महाकाल मनमहेश के रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए, जो नचते गाजे और बाबा महाकाल की जयकारा लगाते नजर आए। जगह-जगह बाबा महाकाल का फूल बरसाकर स्वागत किया गया। यात्रा के दौरान पुलिस बैंड, घुड़सवार आकर्षक का केंद्र रहे।

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मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि महाकाल की सवारी में मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंची। जहां क्षिप्रा के जल से महाकाल को पूजा-अर्चना किया गया। इसके बाद सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए मंदिर पहुंची।

भगवान की कार्तिक एवं अगहन (मार्गशीर्ष) माह में निकलने वाली महाकालेश्वर भगवान की सवारियॉ क्रमशः द्वितीय सवारी 27 नवम्बर, तृतीय सवारी 4 दिसम्बर तथा शाही सवारी 11 दिसम्बर 2023 को निकालेगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस बल द्वारा बाबा महाकाल को सलामी दी गई। इसके बाद राजाधिराज महाकाल चांदी की पालकी में मन महेश स्वरूप में सवार होकर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले। 


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