Banke Bihari Corridor: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को श्री ठाकुर बांके बिहारी के कॉरिडोर निर्माण का रास्ता साफ करते हुए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत दी है. बिहारीजी कॉरिडोर निर्माण होने के बाद एक साथ 10 हजार लोग आराध्य के दर्शन कर सकेंगे. कॉरिडोर 5.65 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है.
इसका डिजाइन काशी कॉरिडोर की तर्ज पर तैयार किया है. व्यवस्थाएं भी उसी तर्ज पर संचालित होने की बात कही जा रही है. कॉरिडोर बिहारीजी मंदिर के सामने 5.65 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है, जो जमीन की भौगोलिक स्थिति के चलते दो हिस्सों में होगा. इसे विद्यापीठ और परिक्रमा मार्ग से जोड़ा गया है.
प्रस्तावित कॉरिडोर में बिहारी जी के भक्तों की प्रत्येक सुविधा का ध्यान रखा गया है. इसमें एक साथ 10 हजार लोगों की मौजूदगी हो सकेगी. इस पर करीब 505 करोड़ रुपये के खर्च का आकलन किया गया है, जिसके लिए करीब 276 से अधिक दुकान और मकानों का अधिग्रहण किया जाएगा. इसमें 149 आवासीय, 66 व्यावसायिक, 57 मिश्रित भवन हैं.
जानकारी के मुताबिक, काशी कॉरिडोर के पैटर्न पर प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर की सीढ़ियां चढ़ते ही इसकी खूबसूरती भी बढ़ती जाएगी. कदंब और करील के पौधे कॉरिडोर में अपनी आभा बिखेरेंगे. कॉरिडोर के साथ ही श्रीबांकेबिहारी मंदिर के परिक्रमा मार्ग को भी नया स्वरूप दिया जाना है. इसके लिए भी बिहारीजी के आसपास की जमीन भी आपसी सहमति से ली जानी है.
यह भी पढ़ें: देवरिया में दबंगों ने नोटिस चस्पा कर मांगी रंगदारी, पत्र हुआ वायरल
बता दें कि पिछले 18 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में बिहारीजी कॉरिडोर को लेकर सुनवाई हुई. इस सुनवाई पर कोर्ट के समक्ष जिला प्रशासन ने कॉरिडोर का प्रेजेंटेशन दिया था. इससे बताया गया कि अभी बांके बिहारी मंदिर परिसर मदन मोहन मंदिर ट्रस्ट के नाम पर है. प्रस्तावित कॉरिडोर गेट संख्या एक से लेकर यमुना क्षेत्र की ओर 5.65 एकड़ जमीन आपसी सहमति से लेकर उस पर कॉरिडोर का निर्माण कराएगी. इससे पहले उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इसका प्रेजेंटेशन दिया था.