दिल्ली. दो समलैंगिक वयस्क लोगों का संबंध बनाना अपराध है या नहीं इस पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगी. इस पर पूरे देश की नजर टिकी है. समलैंगिकता के विरोध औऱ पक्ष में लंबे अरसे से बहस चल रही हैं. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन पर विराम लग सकेगा.
गौरतलब है कि आईपीसी धारा 377 के अनुसार समलैंगिकता को अपराध के दायरे में रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट में इस धारा की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. ऐसा माना जा रहा है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा इस पर फैसला सुना सकते हैं. दरअसल चीफ जस्टिस ने इस पर फैसला जुलाई में ही सुरक्षित रख लिया था.
खास बात ये है कि अब तक दुनिया के दो दर्जन से भी ज्यादा देश समलैंगिक संबंधों को मान्यता दे चुके हैं औऱ इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखते हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी इस पर चार दिन तक गर्मागरम बहस हुई थी जिसके बाद चीफ जस्टिस ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
चूंकि चीफ जस्टिस 1 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं ऐसे में वो अपने सुरक्षित रखे फैसले सुनाकर उनपर अंतिम निर्णय देना शुरु कर देंगे. इसी कड़ी में माना जा रहा है कि इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है.