अमित पाण्डेय,खैरागढ़। संगीत नगरी खैरागढ़ के हृदय स्थल में श्री राम भगवान का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है. यू तो मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं, कहते हैं यह राम मंदिर भगवान राम में प्राचीनतम ग्यारह मंदिरों में से एक है. लेकिन जानकार बताते हैं कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार खैरागढ़ के राजा ने 1813 में करवाया था. इसके बाद तपस्वी मौनी बाबा ने यहां पर तप किया था जिसके बाद सिद्ध बाबा बर्फानी के शिष्यों और भक्तों का यहां तांता लगना शुरू हो गया.

हालांकि अब बाबा बर्फानी ने समाधि ले ली है. परंतु आज भी उनके शिष्य इस मंदिर की देख रेख में जुटे हुए हैं न केवल देश के कोने कोने से बल्कि विदेशों से भी शिष्य यहां बाबा के दर्शन के लिए आते है. मुख्य मंदिर में राम लक्ष्मण जानकी की अत्यंत प्राचीन मूर्ति स्थापित है. गर्भ गृह के ठीक सामने ही हनुमान जी का भी एक मंदिर है.

वर्तमान में इस मंदिर का जीर्णोद्धार फिर किया जा रहा है. जिसमें एक नए शिव मंदिर के साथ साथ ही बाबा बर्फानी की भी मूर्ति स्थापित की जाएगी. आगामी दिसंबर के महीने में होने वाले इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए मुख्य रूप से बाबा बर्फानी जी की शिष्या और विरकोट नेपाल की राजकुमारी राजलक्ष्मी अमेरिका से खैरागढ़ पहुंच चुकी है.

राजकुमारी ने बताया कि ये प्राचीनतम मंदिर है यह मंदिर विश्व स्तरीय होना चाहिए. यहां पर बर्फ़ानी दादा की इक्छानुसार गुरुकुल होना चाहिए. जहां बच्चों को निःशुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए तो हम श्री बर्फ़ानी सनातन पाठ शाला प्रारंभ करने जा रहे हैं.