
काठमांडू। जनतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार की नाकामी से नाराज नेपाल के लोग राजशाही और हिन्दू राष्ट्र की मांग करने लगे हैं. गुरुवार को राजधानी काठमांडू में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ. हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठी और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा.
हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि साल 2008 में खत्म की गई राजशाही की वापसी हो और नेपाल का हिंदू राष्ट्र का दर्जा दोबारा से बहाल किया जाए. माना जा रहा है कि प्रदर्शन करने वालों में बड़ी संख्या नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के समर्थकों थे, जो उनके पक्ष में लगातार नारे भी लगा रहे थे.

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ‘राजा हमारे लिए जान से भी बढ़कर है और हमें गणतंत्र नहीं राजतंत्र चाहिए’. प्रदर्शनकारियों के आरोप हैं कि नेपाल की सरकार, राजनीतिक दल और पूरा प्रशासनिक अमला भ्रष्ट हो गया है. उनका यह भी मानना है कि इस लिए इस विफल शासनतंत्र को ही उखाड़ फेंकने की जरूरत है.
बता दें कि साल 2006 में राजा ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह देव के खिलाफ हप्तों तक सड़कों पर जमकर विरोध-प्रदर्शन चला था, जिसके बाद राजा ज्ञानेंद्र को शासन छोड़ने और लोकतंत्र लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. लेकिन दो साल बाद परिस्थिति ऐसी बदली है कि लोग निर्वाचित सरकार से तंग आकर फिर से राजशाही की मांग करने लगे हैं.