अनमोल मिश्रा, सतना. मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. जहां एक बेबस मां की कोख उजड़ गई, लेकिन उसे ढांढस बंधाने वाला कोई नहीं है. मां जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही. जबकि जुड़वा नवजात की मौत हो गई है. इतना ही नहीं, पिछले 48 घंटे से नवजात का शव दफनाने के लिए पड़ा है. हालांकि अब मृत नवजात का अंतिम संस्कार नगर निगम करेगा. फिलहाल बच्चों के शव पोस्टमॉर्टम रूम में लावारिस पड़े हैं.
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दरअसल, सतना जिला अस्पताल में एक मां ने अपने कोख से जन्मे जुड़वा बच्चों को खो दिया. पेट में ही दोनों बच्चों की मौत हो गई. पड़ोसी एक महिला ने घर में दर्द से तड़प रही मां को देख दिल पसीजा और रामटेकरी निवासी दयावती आदिवासी को जिला अस्पताल लाया और भर्ती कराया और फिर घर निकल गई. दयावती एनीमिया से पीड़ित थी. प्रसव हुआ लेकिन जुड़वा बच्चे मृत निकले. दयावती की हालत गंभीर है, उसे गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है.
बताया जा रहा है कि दयावती जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही, लेकिन उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं. न ससुराल पक्ष और न ही मायके पक्ष के लोग मदद को आगे आ रहे. पति भी छोड़ गुजरात में है. ऐसे में नवजात का शव पिछले दो दिनों से पीएम में लावारिश पड़ा है. जिला अस्पताल प्रबंधन ने नवजात के शव को दफन करने नगर निगम को पत्र लिखा. जिसके बाद नगर निगम का अमला जिला अस्पताल पहुंचा, लेकिन शाम होने और कागजी खानापूर्ति करने की वजह से आज नवजात को दफन किया जाएगा.
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