गोविंद पटेल, कुशीनगर. रामकोला थानाक्षेत्र में आए एक मामले ने सभी को हैरान कर दिया. जिसमें एक समलैंगिक जोड़े में एक युवक अपने साथी की बेवफाई, चोरी और विदाई के संबंध में पुलिस से गुहार लगा रहा है. लेकिन पुलिस मामले में तहरीर लेकर नियमानुसार जांच और कार्रवाई की जगह, सिपाही सामाजिक पहलुओं की आड़ में मामला मैनेज कराने में जुटे रहे. पीड़ित का आरोप है कि समलैंगिक समाज द्वारा निर्मित ब्लूट नाम के मोबाइल एप से उसकी समलैंगिक पत्नी (आरोपी युवक) अबतक 4 लोगों को ठग चुका है. साथ जीने-मरने के झांसे में रखकर पत्नी की तरह व्यवहार कर भरोसा कराता और फिर पैसे और गहनों का चूना लगाकर उसे छोड़ देता.
पीड़ित ने कहा आरोपी कई लोगों की जिंदगी बर्बाद किया है. उनके साथ आपत्तिजनक फ़ोटो खिंचवा लेता. फिर कुछ कहने पर सामाजिक अपमान का हवाला देकर चुप करा देता. मैं न्याय के लिए कानून का सहारा लिया पुलिस को तहरीर दी पर कोई सुनवाई नही हुई. आरोप है कि पुलिस ने पीड़ित से 4 हजार रुपए ले भी लिए और मामले को जस का तस छोड़ दिया. थानाध्यक्ष ने पहले मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए जांच कराई तो हल्का में तैनात दो सिपाहियों की भूमिका संदिग्ध मिली जिनपर भी कार्रवाई की बात SHO ने कही. वही इनका मामला मुम्बई घटनास्थल बता अपना पल्ला झाड़ लिया है.
समलैंगिक डेटिंग एप में हुई पहचान
कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र का रहने वाले युवक ने बताया उसकी शादी एक महिला से 4 साल पहले ही हो चुकी है. चार बेटियां जिनके लिए वह प्रदेश में रहकर अपनी छोटी सी बुटीक चलाता है. कुछ समय पहले वह घर आ रहा था तभी एक युवक मिला और उसे समलैंगिक डेटिंग एप “ब्लूट” के बारे में बताया. उसी ने आईडी बना दी. तब से वह समय बिताने के लिए उस ऐप पर इधर-उधर की बातें सुनने और देखने लगा.
दोनों ने हाथों पर एक दूसरे के नाम का छपवाया टैटू
“ब्लूट ऐप” के जरिए रामकोला थाना क्षेत्र के 23 वर्षीय युवक से उसका परिचय हुआ. इसके बाद दोनों की बातचीत होने लगे जनवरी की शुरुआती महीना में एक बार रामकोला थाना क्षेत्र में ही नजदीकियों के बाद उससे मिलने आया. जहां एक जर्जर मकान में दोनों एक साथ रहे समलैंगिक संबंध बनाए. फिर रोजी-रोटी के चक्कर मैं मुम्बई चला गया. तो उससे बातचीत कम हो गई इस दौरान वह इलाके के किसी लड़के के साथ सूरत काम करने गया. जहां जब उसे अच्छा ना लगा तो फोन पर इम्तियाज को बताया और उसके पास आने की इच्छा जताई. दोनों पहले से ही समलैंगिक संबंधों में थे तो युवक रोक नहीं पाया और उसकी परेशानी सुन उसे अपने पास बुला लिया. दोनों एक साथ रहने लगे जिससे उनकी नजदीकियां और ज्यादा बढ़ गई. दोनों ने एक दूसरे का नाम अपने अपने हाथों पर टैटू कराया.
मोहब्बत में बदली दोस्ती
पीड़ित युवक ने उसको ही अपनी दुनिया मान लिया था. इसी दौरान पीड़ित को पता चला की वह तीन बार और पहले शादी कर चुका है. जिसमें दो लड़के कुशीनगर के और एक लड़का देवरिया का रहने वाला है. लड़कों ने पीड़ित को आगाह भी किया कि यह फ्रॉड करता है. इम्तेयाज ने उसकी इस कार्य पर आपत्ति जताई तो आरोपी ने उसे अपने प्यार का भरोसा और कसम दे कर मना लिया. पीड़ित से शादी करने जिद के साथ प्रस्ताव उसके सामने रखा.
फिर दोनों ने कर ली शादी
कुछ दिनों बाद मुंबई में ही दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खाई. शादी के बंधन में बंध गए. इसके विवाह के साक्षी वहां के कुछ किन्नर समाज से जुड़े लोग थे. समलैंगिक संबंधों में युवक पति और दुसरा युवक पत्नी के रूप में था. दोनों तीन महीने तक हंसी-खुशी रहे. इम्तियाज अपने सारे पारिवारिक बंधनों से ऊपर उठकर अब उसको को ही अपनी पूरी दुनिया बना लिया था. दोनों एक साथ बुटीक पर काम करते जो इम्तियाज की शुरू की हुई दुकान थी. वह अपने मांग में सिंदूर भी लगाता था.
पीड़ित के अनुसार दिवाली के पहले उसकी तबीयत थोड़ी खराब थी तो इम्तियाज ने उसका इलाज कराया. इसके बाद युवक ने घर आने की इच्छा जताई. युवक अभी कुछ कहे उससे पहले ही दूसरा युवक ने उसके रूम पर रखे 70 हजार रुपए और साथी कीन्नर के यहां से सोने का जेवर लेकर चला आया. जेवर की चोरी का आरोप किन्नरों को गुमराह कर इम्तियाज पर ही लगा दिया. किन्नरों ने बुटीक पर पहुंच युवक से दूसरे को फोन करने को कहा ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. इसके बाद आरोपी ने इम्तियाज को ब्लॉक कर दिया.
किन्नरों ने इम्तियाज की दुकान को बंद कर दिया और आराेपी से उनके जेवर लाने की शर्त रखी है. वही युवक के बिना युवक का भी दिल नहीं लग रहा था. इसके बाद वह वापस चला आया जब पीड़ित ने युवक से मिलने की कोशिश की तो उसे काफी परेशान करने लगा. युवक के परिवार वाले उसे गाली देते और फर्जी मुकदमों में फंसने की धमकी देने लगे. इसके बाद पीड़ित युवक ने रामकोला पुलिस को बीते 10 नवंबर की तारीख में एक लिखित तहरीर देकर अपने साथ हुए फ्रॉड और अपने समलैंगिक पत्नी की बेवफाई के किस्से बताएं. इसके बाद पुलिस अगले दिन उसे बुलाई और बिना मामले में कोई निर्णय निकले उसे फिर वापस घर भेज दिया. इम्तियाज का आरोप है कि पुलिस वालों ने ₹4000 भी ले लिए पर मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. 10 दिनों तक इधर-उधर घूमने के बाद जब पीड़ित युवक को न्याय की उम्मीद कहीं नहीं दिखी तो वह मीडिया टीम से संपर्क किया. अपने साथ हुए फ्रॉड की बात बताते हुए न्याय के लिए आवाज उठाने की बात कही.
जब मीडिया के बताए हुए ब्लूट एप को इंस्टॉल कर उसकी प्रक्रियाओं को जाना तो पता चला कि, इसमें किसी भी तरह की प्रमाणिक चीज नहीं होती हैं. गैर प्रमाणित फोटो, गैर प्रमाणित उम्र के बाद जीपीएस लोकेशन के अनुसार आसपास के इलाकों के समलैंगिक लोगों से चैट करने का प्लेटफार्म है. इसके जरिए एक दूसरे से लोग जुड़ते हैं और फिर डेट भी करते. तरह-तरह की वेबसाइट है, गूगल प्ले स्टोर पर ही मिली. जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि समलैंगिक संबंधों को भले ही आज हमारा समाज नहीं अपना रहा हो. लेकिन डिजिटल जमाने मे समलैंगिक लोगों की बड़े शहरों से लेकर देहात इलाकों में अपनी एक अलग दुनिया व्यापक रूप से कार्य कर रही है.
समलैंगिक लोग मोबाइल एप के जरिये आज ये एक दूसरे से कम्युनिकेशन कर डेट भी कर रहे है. ऐसे में अब उनके पर्दे के पीछे की दुनिया ने फ्रॉड और ब्लैकमेल करने की परम्परा बहुत बढ़ी हैं. समलैंगिक संबंधों में हुए धोखाधड़ी के पीड़ित समाज के डर से खुल कर अपनी बात भी नहीं कह सकते. जब कोई समलैंगिक संबंधों का व्यक्ति अपने साथ हुए धोखाधड़ी पर आवाज उठता और कानून के पास जाता तो वहां भी उसे भेदभाव कर कानूनी न्याय से वंचित कर दिया जाता.
“भेदभाव न किया जाए” – समलैंगिकों के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकारों को दिए निर्देश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इंकार करते हुए कहा कि ये उनके अधिकार क्षेत्र का विषय नहीं है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को कुछ निर्देश जारी किए हैं. ताकि समलैंगिक भी समाज में सम्मान से जीवन व्यतीत कर सकें. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक लोगों के साथ उनके यौन रुझान के आधार पर भेदभाव न किया जाए. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पुलिस को समलैंगिक जोड़े के संबंधों को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि समलैंगिकता प्राकृतिक होती है, जो सदियों से जानी जाती है, इसका केवल शहरी या अभिजात्य वर्ग से संबंध नहीं है.
लेकिन रामकोला में पड़ी समलैंगिक संबंधों के जोड़ो की तहरीर पर पुलिस ने मामले को ही दबा दिया. इस मामलों पर जब हमने रामकोला थानाअध्यक्ष राजू सिंह से बात की, तो उन्होंने 10 दिन पहले पड़े उसे एप्लीकेशन के बारे में अभिज्ञता जाहिर की. उन्होंने कहा 9 तारीख को मेरी जॉइनिंग हुई है यह मामला मेरे सब ज्ञान में नहीं है मैं इसे दिखवा लूंगा. फिर उन्होंने जांच करा कर बताया कि मेरी अनुपस्थिति में उसे हल्के में तैनात दो सिपाहियों के द्वारा इस पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका निभाई गई है. दोनों पक्षों में हमें सुलह हो जाने की बताई गई जो पूरी तरह गलत है. बिट सिपाहियों द्वारा मुझे गलत रिपोर्ट करने के मामलों में मैं उन पर विभागीय कार्यवाही करूंगा. इस मामले में मैंने दोनों पक्षों को बुलाया, चुकी लेनदेन का सारा मामला मुंबई से जुड़ा हुआ है. तो घटनास्थल जहां पर है वहीं से इस पर कार्रवाई होगी. मैं उन लोगों को बता दिया हूं कि कार्रवाई के लिए मुंबई के घटनास्थल स्थित नजदीकी थाने में चल जाए.
समलैंगिक विवाह कानूनी तौर पर या सामाजिक रूप से मान्यता प्राप्त एक ही लिंग के लोगो के विवाह को कहते हैं. समलैंगिक विवाहों का मानव इतिहास में बहुत स्थानों पर अभिलेखाकरण हुआ है. समलैंगिक विवाहों को वैध बनाने वाला पहला देश था नीदरलैंड जहां इसे 2001 में कानूनी मान्यता प्राप्त हुई.
समलैंगिक विवाह के पक्षधर ये तर्क देते हैं की लैंगिक अभिविन्यास को ध्यान में न रखते हुए विवाह के लाभ सभी को मिलना एक मानवाधिकार है. जबकि इसके विरोधी परम्पराओं, धर्म, माता-पिता की चिंताओं और इससे होने वाली अन्य क्षतियों के आधार पर इसका विरोध करते है. 16 देशों में समलैंगिक जोड़ो के संयोजन को मान्यता प्राप्त है.
इन देशों में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता
सेम सेक्स मैरिज को दुनिया के 34 देशों में दी गई मान्यता मिली हैं तो भी 22 देशों में कानून भी बना है. जिनमे नीदरलैंड, बेल्जियम, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, स्वीडन, मैक्सिको, पुर्तगाल, आइसलैंड, अर्जेंटीना, ब्राजील, डेनमार्क, फ्रांस, उरुग्वे, न्यूजीलैंड, ग्रेट ब्रिटेन, लक्समबर्ग, आयरलैंड, कोलंबिया, फिनलैंड, माल्टा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ताइवान, इक्वाडोर और जल्द ही कोस्टा रिका में भी.
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