26/11 Attack: 26 नवंबर साल 2008 का वो काला दिन कोई भूल नहीं सकता. जहन में आज भी वो तस्वीरें बसी हुई हैं. इस दिन आतंकी हमले में देश के कई जवान शहीद हो गए थे. इस हमले में 160 लोगों की जान चली गई थी. इतना ही नहीं 300 से अधिक लोग घायल हुए थे. इस बड़ी वारदात को 10 आतंकियों ने अंजाम दिया था. जिसमें से 9 आतंकियों को जवानों ने मार गिराया था. वहीं एक आतंकी अजमल अमीर कसाब को जिंदा पकड़ने में सफलता हासिल हुई थी, जिसे बाद में फांसी की सजा दी गई.

बता दें कि, 26/11 के आतंकी हमले के मामले में 25 सितंबर 2023 को मुंबई पुलिस ने विशेष अदालत में चौथी चार्जशीट दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि, मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा आतंकी हमले से कुछ ही दिन पहले 21 नवंबर तक मुंबई के एक होटल में ठहरा था. राणा फिलहाल अमेरिका की जेल में बंद है और उसे भारत प्रत्यर्पित कराने की तैयारी चल रही है. राणा पर आरोप है कि, वह अपने दोस्त और पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली के संपर्क में था. हेडली को अमेरिकी अदालत ने 35 साल की सजा सुनाई है. सरकारी गवाह बन जाने की वजह से उसे फांसी की सजा नहीं हुई.

पानी के रास्ते मुंबई आए थे आतंकी
इस हमले की शुरुआत कुछ इस तरह हुए हमले से तीन दिन पहले यानी 23 नवंबर को कराची से नाव के रास्ते ये आतंकी मुंबई में घुसे. ये भारतीय नाव से मुंबई पहुंचे थे. आतंकी जिस भारतीय नाव पर सवार थे, उस पर उन्होंने कब्जा किया था और उस पर सवार चार भारतीयों को मौत के घाट उतार दिया था. रात के तकरीबन आठ बजे ये हमलावर कोलाबा के पास कफ परेड के मछली बाजार पर उतरे. वहां से वे चार समूहों में बंट गए और टैक्सी लेकर अपनी मंजिलों का रुख किया.

3 दिन तक था दहशत का माहौल

आज से ठीक 15 वर्ष पहले देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमला किया था. 26/11 हमला भारत के इतिहास का वो काला दिन है. जब 3 दिनों तक पाकिस्तानी आतंकवादियों के हाथ में ‘मुंबई’ बंधक बनी हुई थी. उन 10 फिदायीन में अजमल अमीर कसाब भी था, जो जिंदा पकड़ा गया था. हालांकि उसको तुरंत जवाब देने के लिए क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) बनाई है, जो 6 यूनिट्स में बंटी है. इसी तरह एनएसजी की लाइन पर फोर्स वन जैसी टीम बनाई गई है, जो ऐसे किसी आतंकी हमले के मामले में तुरंत एक्शन लेने में सक्षम है. पूरे मुंबई में 6,000 सीसीटीवी कैमरों का जाल भी बिछाया गया है. इसके अलावा 7 करोड़ वाले मोबाइल वेहिकिल स्कैनर के साथ-साथ बुलेट प्रूफ जैकेट, स्पीड बोट खरीदे हैं और समुद्री तटों की रक्षा पर विशेष जोर दिया है.

मौत मांग रहा था कसाब

इस केस की जांच से जुड़े सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर निनाद सावंत बताते हैं कि क्राइम ब्रांच की कस्टडी में सैकड़ों लोगों की मौत का गुनहगार आतंकी अजमल कसाब मौत की दुआ मांग रहा था. लॉकअप में पूछताछ के दौरान कसाब कह रहा था कि, मुझे मार दो, मैं जिंदा नहीं रहना चाहता हूं. सावंत ने कहा कि, हमने कुछ-कुछ वक्त के अंतराल पर उसे सभी आतंकवादियों के मरे हुए फोटो दिखाए थे. इन फोटो को देखकर कसाब सदमे में आ गया था.


आज भी भुलाए नहीं भूलता जख्म

15 साल बीत जाने के बाद भी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के जख्म आज भी ताजा हैं. इकलौता पकड़ा गया आतंकी अजमल कसाब फांसी पर चढ़ चुका है. कराची के रास्ते नाव से घुसे लश्कर-ए- तैयबा के 10 आतंकवादियों ने 2008 में मुंबई के सीएसएमटी होटल, ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और नरीमन हाउस में कत्ले-आम मचाया था.

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