हालात ऐसे नहीं थे कि मोबाइल फोन खरीदा जा सके, लेकिन दूसरों के हाथों जब कभी भी मोबाइल फोन देखती, तो अरमान जाग जाते. चाहत होती कि खुद के पास भी एक मोबाइल फोन हो, जिससे वह बात कर सके,असल मायने में यह उसके लिए कोरा सपना ही था. आमदनी इतनी नहीं थी कि फोन खरीदने का सपना पूरा किया जा सके. यह कहानी थी धमतरी की रहने वाली सुको बाई महावर की. लेकिन जल्द ही वक्त ने करवट बदली. सुको की चाहत पूरी हुई. मोबाइल फोन उसके हाथ आया. फोन मिला तो लोगों ने पूछा कि इस फोन से किससे बात करनी हैं? सुको ने तपाक से कहा मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह से. दरअसल सुको जानती थी कि आज उसके हाथों जो स्मार्टफोन लगा है, यह फोन देने वाला कौन है. सुको को मुख्यमंत्री संचार क्रांति योजना के तहत स्मार्टफोन दिया गया था. कल तक जो सुको मोबाइल फोन चलाना नहीं जानती थी, आज वह वीडियो काल कर रही है.
धमतरी- सुकोबाई दूसरों का पेट भरने के रोजगार से जुड़ी है. वह महिला समूह के सदस्यों के साथ दाल-भात सेंटर चलाकर अपना जीवनयापन कर रही है. उसकी आमदनी इतनी ही है कि जिंदगी की गाड़ी को चलाया जा सके. रमन सरकार की स्काई योजना के तहत मिले स्मार्टफोन को पाकर सुको अब खुद स्मार्ट हो गई है. आत्मविश्वास से लबरेज सुको वीडियो काॅलिंग भी सीख गई है. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह को जब सुको की चाहत की जानकारी मिली, तो उन्होंने फोन लगाकर उससे बात की. सुको ने सीएम से कहा कि उसे फोन चलाना नहीं आता, तो जवाब में रमन ने कहा कि- मैंने भी जब फोन लिया था, मुझे इसे सीखने में दो महीने लगे थे. आप भी जल्द ही इसे चलाना सीख जाएंगी. छत्तीसगढ़ी में हुआ रमन-सुको का यह संवाद ही इस योजना की ताकत बयां करता है.
65 वर्ष से अधिक आयु वाली सुको की जिंदगी में न जाने कितने ऐसे अवसर आए होंगे. जब मुख्यमंत्री को दूर से देखा होगा, लेकिन उनसे फोन पर बातचीत करने का पहला अवसर संचार क्रांति योजना के जरिए ही आया. सुको कहती है कि यह क्षण उसके लिए उम्मीदों से ज्यादा पाने जैसा था. उसने कभी कल्पना नहीं की थी कि उसे ऐसी किसी योजना का फायदा मिलेगा, जो उसे सीधे मुख्यमंत्री से जोड़ सकता है.
सुको की तरह ही धमतरी की चंपा बाई, पुनेश्वरी साहू, शांता सोनी को भी संचार क्रांति योजना का लाभ मिल है. महिलाओं को तकनीक के युग में तकनीकी तौर पर सशक्त और स्मार्ट बनाने की जो कोशिश की जा रही उसमें वाकई में संचार क्रांति योजना अपनी महती भूमिका निभा रहा है. चंपा, पुनेश्वरी, शांता कहती हैं कि उनके घर में परिवार के कुछ सदस्यों के पास तो स्मार्ट फोन है, लेकिन खुद के हाथ में होने की बात ही कुछ और है. वास्तव में स्मार्ट फोन से आज जिंदगी की ढेरों समस्याएं खत्म हो रही है. सबसे अच्छी बात ये है कि वीडियो कॉल के जरिए वह परिवार के सदस्यों से एक-दूसरे को देखकर सीधा संवाद कर पा रहे हैं. यही नहीं इसके साथ ही कई अहम जानकारियां भी स्मार्टफोन से उन्हें मिल रही है. वास्तव में मुख्यमंत्री की ओर से हम महिलाओं के लिए किया गया यह प्रयास हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है.
जिंदगी बदलने वाली योजना- डाॅ.रमन सिंह
संचार क्रांति योजना मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. रमन कहते हैं कि इस योजना के तहत 40 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन वितरित कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार की यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल भारत अभियान के लक्ष्यों को पूर्ण करने में मददगार साबित होगी. मोबाइल में मौजूद एप में महिलाओं, किसानों, बच्चों और युवाओं के लिए उपयोगी जानकारी शामिल है. इसके अलावा ’गोठ’ एप में खेती-किसानी, कौशल विकास, रोजगार, स्व-रोजगार, शिक्षा और स्व-सहायता समूहों से जुड़ी योजनाओं का भी विवरण रखा गया है. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति और घर-परिवार पर आधारित कार्यक्रम भी इसमें देखे जा सकेंगे. इतना ही नहीं बल्कि संचार क्रांति योजना के स्मार्ट फोन धारकों को डिजिटल लेन-देन में भी आसानी होगी और आवश्यक होने पर उनके द्वारा आपातकालीन एंबुलेंस सेवा संजीवनी 108, गर्भवती महिलाओं के लिए संचालित एंबुलेंस सेवा महतारी एक्सप्रेस 102 और पुलिस हेल्प लाइन के टोल फ्री नंबरों का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.
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